मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना पर सालाना व्यय होंगे 53.21 करोड़ रुपये : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार ने एक नई पहल करते हुए मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और विकलांग माता-पिता को उनके बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

Aug 26, 2024 - 18:57
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मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना पर सालाना व्यय होंगे 53.21 करोड़ रुपये : मुख्यमंत्री

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  26-08-2024

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार ने एक नई पहल करते हुए मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और विकलांग माता-पिता को उनके बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस योजना के लिए सालाना 53.21 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित करेगी। उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य दो विशिष्ट आयु समूहों को सहायता प्रदान करना है। 
इस योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं और विकलांग माता-पिता को 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की शिक्षा , स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए 1000 रुपये का मासिक अनुदान प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त , स्नातक , स्नातकोत्तर , डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने वाले बच्चों को ट्यूशन और छात्रावास का खर्च वहन करने के लिए भी सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक और वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण विधवा और परित्यक्त महिलाओं को अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में बहुत कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ये महिलाएं विशेष रूप से कमजोेर हैं और उन्हें खुद का अस्तित्व बनाए रखने व अपने बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक नैतिक और वित्तीय सहायता की कमी है। इस योजना का उद्देश्य पारिवारिक स्तर पर बाल संरक्षण को सुदृढ़ कर बाल शोषण , तस्करी , बाल विवाह और मादक पदार्थों के दुरुपयोग जैसे मुद्दों को रोकना है। 
उन्होंने कहा कि विकलांगता , बेरोजगारी और गरीबी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना विकलांग माता-पिता के बच्चों की जरूरतों को भी पूरा करती है। सभी पात्र महिलाएं , बच्चे और व्यक्ति जिनकी पारिवारिक आय एक लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं है, इस योजना के अंतर्गत लाभ ले सकेंगे। इस योजना का लाभ उठाने के लिए स्थानीय बाल विकास परियोजना अधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है।

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