लंबित डीए और एरियर पर मचे बवाल के बीच अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के दो गुटों की सीएम से मुलाक़ात

लंबित डीए और एरियर पर मचे बवाल के बीच अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के दो गुटों की सीएम से मुलाक़ात, दोनों गुटों ने जेसीसी सहित कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर सीएम से की

Aug 24, 2024 - 16:41
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लंबित डीए और एरियर पर मचे बवाल के बीच अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के दो गुटों की सीएम से मुलाक़ात

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    24-08-2024

लंबित डीए और एरियर पर मचे बवाल के बीच अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के दो गुटों की सीएम से मुलाक़ात, दोनों गुटों ने जेसीसी सहित कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर सीएम से की बात, मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के मुद्दे के समाधान के लिए मांगा थोड़ा समय, दोनों गुटों ने किया अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ होने का दावा, सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ का खुलकर नहीं किया समर्थन।

लंबित डीए और एरियर के मुद्दे पर मचे बवाल के बीच गुटों में बंटे प्रदेश कर्मचारी महासंघ के प्रदीप ठाकुर और त्रिलोक चौहान गुट ने सीएम सुक्खू से सचिवालय में मुलाकात की है और कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री से जेसीसी बुलाने की मांग की है। सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के प्रदर्शन के बाद दोनों कर्मचारी महासंघ गुट की यह मुलाक़ात काफी अहम थी। 

जिसमें मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की मांगों को लेकर थोड़ा वक्त मांगा है और मुद्दों के समाधान का आश्वासन दिया है। सीएम से मुलाक़ात के बाद कर्मचारी महासंघ (प्रदीप गुट) के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलकर कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर चर्चा हुई है जिसमें कुछ मांगों को सीएम ने माना भी है। 

महासंघ ने खाली पदों में भर्ती, बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को OPS, एरियर और डीए की अदायगी, अनुबंध कर्मचारियों को साल में दो बार नियमित करने, करुणामुलक को नौकरी सहित तमाम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई है। एरियर और डीए को लेकर मुख्यमंत्री ने कुछ समय मांगा है और एक महीने बाद फिर से बैठक करने को कहा है। 

जेसीसी की बैठक को भी शीघ्र बुलाने की सीएम ने बात कही है। वहीं प्रदीप ठाकुर ने सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ को समर्थन देते हुए कहा कि वह कर्मचारियों की मांगों को लेकर उनके साथ है लेकिन भाषा की मर्यादा का सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ को ख्याल रखना चाहिए।

वहीं अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के त्रिलोक गुट ने भी मुख्यमंत्री से कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर मुलाकात की और जेसीसी की बैठक बुलाए जाने की मांग सहित लंबित एरियर और डीए को जारी करने की मांग की। त्रिलोक चौहान ने अपने गुट को असली अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ करार देते हुए कहा कि 90 विभागों के कर्मचारी उनके महासंघ से जुड़े हैं और उनको ही सरकार मान्यता देगी। 

वहीं सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के समर्थन के सवाल से पल्ला झाड़ते हुए त्रिलोक चौहान ने कहा कि वह सचिवालय कर्मचारियों की मांगों को लेकर ज्यादा अवगत नहीं है और मुख्यमंत्री से अगली बैठक के बाद ही आगामी निर्णय लेंगे।

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