हिमाचल में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव में 25 करोड़ रुपये का आएगा खर्च
हिमाचल प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव में 25 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने खर्चे का आकलन लगा लिया है। कर्मचारियों की ड्यूटी, सरकारी मशीनरी, पेपर छपाई और कर्मचारियों के टीए-डीए में यह राशि खर्च होती
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 22-11-2025
हिमाचल प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव में 25 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने खर्चे का आकलन लगा लिया है। कर्मचारियों की ड्यूटी, सरकारी मशीनरी, पेपर छपाई और कर्मचारियों के टीए-डीए में यह राशि खर्च होती है। सरकारी कर्मचारी और अधिकारी चुनाव नतीजे घोषित होने तक आयोग के पास डेपुटेशन पर रहते हैं। चुनावी प्रक्रिया खत्म होने के बाद ये अपने विभाग लौटते हैं।
आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा ड्यूटियां शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों की लगती हैं। चूंकि ज्यादातर पोलिंग स्टेशन स्कूलों में ही होते हैं। इसके बाद पुलिस और होमगार्ड के जवान रहते हैं। कर्मचारियों के खाने और रहने का इंतजाम आयोग की तरफ से किया जाता है। सरकार की तरफ से इसके लिए राशि जारी की जाती है।
उल्लेखनीय है कि पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव का सारा खर्चा प्रदेश सरकार को उठाना होता है। पंचायतीराज संस्थाओं का पांच साल का कार्यकाल खत्म होने के चार महीने पहले आयोग तैयारियां शुरू कर देता है। इस समय आयोग चुनाव कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। सिर्फ आयोग को रोस्टर का इंतजार है।
पंचायतों की सीमाओं और वर्गीकरण के बदलाव पर रोक को लेकर उपजे विवाद मामले में राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से पंचायतीराज विभाग के लिए जवाब तैयार किया जा रहा है।
आयोग ने स्पष्ट किया कि जब विभाग की ओर से पत्राचार शुरू हुआ है तो इसका जवाब में लिखित में ही दिया जाएगा। दरअसल, विभाग ने आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि पंचायतों की सीमा बदलने का अधिकार राज्य सरकार को है।
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