आईजीएमसी के डाक्टरों ने सचिवालय तक किया प्रदर्शन , सीएम से मेडिकल कालेजों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और मडर से पैदा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को आईजीएमसी अस्पताल से छात्रों , रेजिडेंट डॉक्टर और शिक्षक डॉक्टर ने प्रदेश सचिवालय शिमला तक मार्च निकाला। इस दौरान डॉक्टर ने अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने और चिकित्सकों के विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर अपनी समस्याएं बताने की कोशिश की

Aug 20, 2024 - 20:07
Aug 20, 2024 - 20:23
 0  12
आईजीएमसी के डाक्टरों ने सचिवालय तक किया प्रदर्शन , सीएम से मेडिकल कालेजों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  20-08-2024

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और मडर से पैदा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को आईजीएमसी अस्पताल से छात्रों , रेजिडेंट डॉक्टर और शिक्षक डॉक्टर ने प्रदेश सचिवालय शिमला तक मार्च निकाला। इस दौरान डॉक्टर ने अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने और चिकित्सकों के विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर अपनी समस्याएं बताने की कोशिश की। देर तक इंतजार के बाद आधे डॉक्टर लौट गए। मगर इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंचे तो शिक्षक , डॉक्टर संघ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखी। राज्य मेडिकल और डेंटल कॉलेज टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष बलवीर वर्मा ने कहा कि कोलकाता में ट्रेन डॉक्टर के साथ हुआ अपराध दुर्भाग्यपूर्ण है। 
उन्होंने कहा कि इस संबंध में मेडिकल और डेंटल कॉलेज शिक्षक और छात्रों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मेडिकल और डेंटल कॉलेज टीचर एसोसिएशन मुख्यमंत्री के साथ है। वहीं इस दौरान देर तक मुख्यमंत्री का इंतजार करने के बाद ट्रेनी डॉक्टर अभिषेक शर्मा ने कहा कि कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुआ अपराध भयानक है। उन्होंने कहा कि आज आईजीएमसी के शिक्षक और प्रशिक्षु डॉक्टर ने राजू सचिवालय तक मार्च निकाला और मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांग रखने की कोशिश की। 
उन्होंने कहा कि देर तक इंतजार कराया गया इसके बाद मुख्यमंत्री मिलने आए। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।  उन्होंने कहा कि आईजीएमसी डॉक्टर की केवल स्टेट हेल्थ प्रोटेक्शन एक्ट को सही ढंग से लागू करने की है और अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की है।  उन्होंने कहा कि डॉक्टर फर्टनिटी के साथ है। जब तक ट्रेनिंग डॉक्टर को न्याय नहीं मिल जाता और केंद्रीय हेल्थ प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं होता तब तक यूं ही प्रोटेस्ट चल जाएगा, क्रमवार कुछ ओपीडी बंद रहेंगी वहीं इमरजेंसी में सुविधा यूं ही सुचारु रहेंगी। 

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow