पांवटा सिविल अस्पताल में कांग्रेस का व्यवस्था परिवर्तन, स्टाफ की कमी से अधिकांश वार्ड महीनों से बंद....
पांवटा सिविल अस्पताल में नसों के पद खाली होने की वजह से अधिकांश वार्ड बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। कांग्रेस का ये व्यवस्था परिवर्तन लोगों को परेशान कर रहा है। दरअसल पांवटा के सिविल अस्पताल में पिछले एक महीने से मरीजों को वार्ड में भर्ती नहीं किया जा रहा
यंगवार्ता न्यूज़ - अंकिता नेगी 26-11-2023
पांवटा सिविल अस्पताल में नसों के पद खाली होने की वजह से अधिकांश वार्ड बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। कांग्रेस का ये व्यवस्था परिवर्तन लोगों को परेशान कर रहा है। दरअसल पांवटा के सिविल अस्पताल में पिछले एक महीने से मरीजों को वार्ड में भर्ती नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण गरीब मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पांवटा साहिब सिविल अस्पताल में कोरोना काल समय में 6 नर्सिंग स्टाफ को रखा गया था लेकिन कांग्रेस सरकार के आते ही प्रदेश भर से नर्सिंग स्टाफ को हटा दिया गया। सिविल अस्पताल में भी 6 नर्सिंग स्टाफ को हटाया गया है। जिसके कारण यहां पर स्टाफ की कमी हो गई और अस्पताल प्रशासन को इस तरह का बेहद असंवेदनशील फैसला लेना पड़ा।
बता दें कि पांवटा सिविल अस्पताल 150 बिस्तरों की क्षमता का हॉस्पिटल है लेकिन पिछले एक महीने में अस्पताल के महिला और पुरुष वार्डों में मरीजों को भर्ती नहीं किया गया इसके बाहर लगे बोर्ड इसकी गवाही दे रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर पांवटा सिविल अस्पताल में सर्जन, एनेस्थीसिया MD सभी तरह के डॉक्टर मौजूद हैं बावजूद इसके ना तो यहां पर सर्जरी हो रही है ना ही एमडी द्वारा मरीजों को भर्ती किया जा रहा है और ना ही मरीज को मिलने वाली सुविधाएं उन तक पहुंच रही है।
विधायक सुखराम चौधरी ने भी कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते कहा कि सिविल अस्पताल पर चार विधानसभा क्षेत्र के लोग निर्भर करते हैं। जिसमें रेणुका जी शिलाई, नाहन और पांवटा साहब शामिल है। बड़ी संख्या में लोगों के लिए पांवटा सिविल अस्पताल बेहद मायने रखता है।
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