ऑर्गेनिक खाद का उत्पादन कर जहर मुक्त खेती को बढ़ावा देना जगदीश चंदेल का लक्ष्य
औद्योगिक क्रांति के लिए प्रसिद्ध नालागढ़ अब ऑर्गेनिक खेती की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। स्थानीय निवासी समाज सेवक जगदीश चंद चंदेल ने ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक प्रेरणादायक पहल शुरू की है। जगदीश चंद चंदेल जो नालागढ़ क्षेत्र के कल्याणपुर गांव के निवासी हैं , ने मेरठ से विशेष प्रशिक्षण लेने के बाद दयोली गांव में अपनी जमीन पर केंचुआ खाद वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन और ऑर्गेनिक खेती शुरू की है
रजनीश ठाकुर - बीबीएन 28-12-2024
औद्योगिक क्रांति के लिए प्रसिद्ध नालागढ़ अब ऑर्गेनिक खेती की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। स्थानीय निवासी समाज सेवक जगदीश चंद चंदेल ने ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक प्रेरणादायक पहल शुरू की है। जगदीश चंद चंदेल जो नालागढ़ क्षेत्र के कल्याणपुर गांव के निवासी हैं , ने मेरठ से विशेष प्रशिक्षण लेने के बाद दयोली गांव में अपनी जमीन पर केंचुआ खाद वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन और ऑर्गेनिक खेती शुरू की है।
उन्होंने अपनी पहल को नीलांश ऑर्गेनिक का नाम दिया है और इसके माध्यम से स्थानीय किसानों को ऑर्गेनिक खाद की आपूर्ति शुरू कर दी है। वह केंचुआ खाद बनाने के लिए गौ शाला से गोबर लाते हैं और साढ़े छह बीघे मे बैड बनाकर ऑर्गेनिक खाद तैयार कर रहे हैं। मात्र तीन महीने में खाद बनकर तैयार हो जाती है। जगदीश चंद ने बताया कि उन्होंने मेरठ से केंचुआ खाद उत्पादन के लिए विशेष बीज मंगवाए हैं।
द्योली में उनका नीलांश ऑर्गेनिक अब न केवल ऑर्गेनिक खेती में मदद कर रहा है , बल्कि किचन गार्डन के लिए भी केंचुआ खाद की बढ़ती मांग को पूरा करने का प्रयास कर रहा है। जगदीश चंद चंदेल ने बताया कि वह वर्मी कम्पोस्ट बनाने की किसानों को मुफ्त खाद बनाने की ट्रेनिंग भी देतें है , ताकि जहर मुक्त खेती को बढ़ावा दिया जा सके उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य जहर मुक्त खेती को बढ़ावा देना है ताकि लोंगो के स्वस्थ्य को सुधारा किया जा सके और रासायनिक खादों से छुटकारा पाया जा सके।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में वे किचन गार्डन की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन भविष्य में उत्पादन को बढ़ाकर इसे किसानों और बागवानों के लिए भी उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं। इस पहल से नालागढ़ और आसपास के क्षेत्रों में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह कदम न केवल स्थानीय किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने में भी मददगार साबित हो सकता है। जगदीश चंद की इस पहल से औद्योगिक नगरी बीबीएन में ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हो रही है।
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