स्कूल बंद करने की बजाय बच्चों की संख्या कैसे हुई कम यह पता लगाए सरकार : जयराम ठाकुर

शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार अपने मंत्रियों के लिए करोड़ों रुपए का ऑफिस बना सकती है। असंवैधानिक रूप से सीपीएस की नियुक्तियां करके करोड़ों उन पड़े खर्च कर सकती है लेकिन बच्चों की शिक्षा देने वाले स्कूल नहीं चला सकती है। सरकार के द्वार स्कूल बंद करने के फैसले की वजह से आज लाहौल की बड़ी आबादी सड़कों पर हैं और सरकार से गुजारिश कर रही है कि ऐसे फैसले लेने के पहले विवेक का इस्तेमाल करे

Aug 19, 2024 - 20:06
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स्कूल बंद करने की बजाय बच्चों की संख्या कैसे हुई कम यह पता लगाए सरकार : जयराम ठाकुर

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  19-08-2024
शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार अपने मंत्रियों के लिए करोड़ों रुपए का ऑफिस बना सकती है। असंवैधानिक रूप से सीपीएस की नियुक्तियां करके करोड़ों उन पड़े खर्च कर सकती है लेकिन बच्चों की शिक्षा देने वाले स्कूल नहीं चला सकती है। सरकार के द्वार स्कूल बंद करने के फैसले की वजह से आज लाहौल की बड़ी आबादी सड़कों पर हैं और सरकार से गुजारिश कर रही है कि ऐसे फैसले लेने के पहले विवेक का इस्तेमाल करे। अगर एनरोलमेंट शून्य है तो सरकार को उन कारणों पर बात करनी चाहिए , इसका पता लगाना चाहिए। हर स्तर पर जवाबदेही तय करनी चाहिए , लेकिन सरकार को सिर्फ़ बंद करने में ही आनंद आ रहा है। 
लाहौल जैसी जगह में गांवों की आबादी क्या है? एक गाँव से दूसरे गांवों के बीच दूरी क्या है? वहां तक स्कूली बच्चे कैसे पहुंचेगे? सरकार ने एक बार भी इन पहलुओं पर गौर नहीं किया। एक बार भी एक अभिभावक की तरह नहीं सोचा कि इस तुगलकी फैसले का लोगों पर क्या असर पड़ेगा?  नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री जिस तरह से काम कर रहे हैं और सरकार चला रहे हैं , लोकतंत्र में इस तरह से सरकारें नहीं चलती हैं। सरकार का मुखिया सबको लेकर चलने वाला होता है तानाशाह नहीं। जो भी मन में आया उसे बंद कर दे। सिर्फ लाहौल ही नहीं डीनोटीफ़ाई किए गए ज्यादातर स्कूलों का यही हाल है। जिन स्कूलों से बच्चों को दूसरे स्कूलों शिफ्ट किया जा रहा है क्या वह उन छोटे बच्चों के लिए आसान है? 
वहां वह कैसे पहुंचेंगे? सरकार को इस बारे में ज़रूर सोचना चाहिए। सरकार का काम आखिरी छोर तक सुविधाएं पहुंचाना है। लेकिन सरकार का सारा ध्यान अपने मंत्रिमंडल के लोगों को खुश करने, उन्हें सुविधाएं प्रदान करने में हैं। एक तरफ़ सरकार कह रही है कि बजट नहीं हैं दूसरी तरफ़ करोड़ों रुपये खर्च करके मंत्रियों और सीपीएस के दफ़्तर बनाए जा रहे हैं। इसका यही मतलब है कि सरकार के पास पैसा सिर्फ़ स्कूल और अस्पताल चलाने के लिए नहीं हैं मित्रों के लिए है। मुख्यमंत्री को मैं याद दिलाना चाहता हूँ कि बदलाव की शुरुआत स्वयं से करनी चाहिए। 
उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल बंद करने के अपने फैसले से प्रभावित हो रहे छात्रों और उनके अभिभावकों का ख़्याल रखते हुए अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।जयराम ठाकुर ने आईजीएमसी हॉस्टल में हुए हादसे में पर कहा कि इस पूरे मामले में सुरक्षा चूक हुई है। इसमें सरकार और प्रशासन की लापरवाही है साफ है, सरकार को इस हादसे की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। आईजीएमसी की सुरक्षा का जिम्मा भी कांग्रेस के एक नेता के पास है। सरकार इस मामले में हुई सुरक्षा की समीक्षा करें और छात्रावासों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। जिससे इस तरह की घटना भविष्य में दोबारा न होने पाए।

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