मजदूरों को मिलने वाली ईएसआई सुविधा के मुद्दे पर सीटू का डीसी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन

सीटू जिला कमेटी शिमला ने मजदूरों को मिलने वाली ईएसआई सुविधा के मुद्दे पर डीसी कार्यालय शिमला पर जोरदार प्रदर्शन किया

May 8, 2024 - 19:52
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मजदूरों को मिलने वाली ईएसआई सुविधा के मुद्दे पर सीटू का डीसी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   08-05-2024

सीटू जिला कमेटी शिमला ने मजदूरों को मिलने वाली ईएसआई सुविधा के मुद्दे पर डीसी कार्यालय शिमला पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा, बालक राम, हिमी देवी, दलीप सिंह, प्रताप चौहान, पूर्ण चंद, कपिल नेगी, रंजीव कुठियाला, प्रकाश, प्रेम, देश राज, विवेक कश्यप, सतपाल बिरसांटा, सन्त राम, कमलेश, बलवंत, राज कुमार, तुलसी राम, बिट्टू सिंह आदि शामिल रहे। 

प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व जिला कोषाध्यक्ष बालक राम ने चेताया है कि अगर ईएसआई डिस्पेंसरी शिमला में तुरन्त डॉक्टर व स्टाफ की भर्ती न की गयी तो स्वास्थ्य निदेशक कार्यालय कसुम्पटी के अन्दर सीटू के नेतृत्व में मजदूर प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने ईएसआई कॉर्पोरेशन व हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग पर मजदूरों की अनदेखी का आरोप लगाया है तथा इन्हें सफेद हाथी व काठ की बिल्ली करार दिया है। 

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में ईएसआई डिस्पेंसरी में पिछले कई महीनों से डॉक्टर की व्यवस्था नहीं है। ईएसआई कवरेज में आने वाले सैंकड़ों मजदूरों के मेडिकल बिल अक्तूबर 2023 से लंबित हैं। मजदूरों की कई महीनों से लीव एनकेशमेंट नहीं की जा रही है। 

जब प्रदेश की राजधानी शिमला में ही यह भयावह स्थिति है तो प्रदेश के दूसरे कोनों का अंदाज़ा लगाना कोई कठिन कार्य नहीं है। इस सबसे ईएसआई कॉर्पोरेशन व प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य निदेशालय की कार्यप्रणाली जगज़ाहिर हो रही है। मजदूर पिछले कई महीनों से अपने मेडिकल बिलों व लीव एनकेशमेंट को लेकर दर दर की ठोकरें खा रहे हैं लेकिन ईएसआई कॉर्पोरेशन व स्वास्थ्य विभाग मौन है। 

उन्होंने मांग की है कि ईएसआई योजना को सख्ती से लागू किया जाए। ईएसआई डिस्पेंसरी शिमला व प्रदेश की अन्य डिस्पेंसरियों व अस्पतालों में डॉक्टरों व स्टाफ की नियमित भर्ती की जाए। ईएसआई के लंबित बिलों व लीव एनकैशमेन्ट का तुरन्त भुगतान किया जाए। छः महीनों से ईएसआई के लंबित बिलों का भुगतान न करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। 

मोदी सरकार द्वारा लाए गए सामाजिक सुरक्षा कोड में ईएसआई के निजीकरण की साज़िश बन्द किया जाए। ईएसआई शेयर को घटाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। ईएसआई को सार्वभौमिक बनाया जाए। हिमाचल प्रदेश में जरूरत अनुसार नई ईएसआई डिस्पेंसरियां व अस्पताल खोले जाएं।

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