यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला 25-08-2024
हिमाचल प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष, कांगड़ा-चंबा भाजपा प्रभारी एवं सुलाह के विधायक विपिन सिंह परमार भी कर्मचारियों और पेंशनरों की मांगों का समर्थन में उतर आए हैं। साथ ही कांग्रेस सरकार पर उन्होंने कर्मियों के शोषण करने और बेरोजगार युवाओं को रोजगार की गारंटी के नाम पर ठगने पर बड़े सवाल उठाए हैं। विपिन सिंह परमार ने कहा कि अब हर वर्ग के कर्मचारी और पेंशनरों सड़कों पर उतर रहे हैं , जबकि युवा वर्ग को पहले ही सुक्खू की सरकार ने सड़कों पर धरने-प्रदर्शन और आंदोलन करने को मजबूर करके रखा हुआ है। रूटीन में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं सहित नई भर्तियों पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से सवाल पूछा है कि आखिर वह राज्य को किस दुर्गति की ओर धकेलने की साजिश कर रही है?
पूर्व विस अध्यक्ष एवं कांगड़ा-चंबा भाजपा प्रभारी विपिन सिंह परमार ने डंके की चोट पर कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार विश्वासघाती और धोखेबाज है। पूर्व में भाजपा की सरकार में कभी ऐसा नहीं हुआ कि कोई कर्मचारी संगठनों को साढ़े चार साल तक अपनी मांगों के लिए धरना और प्रदर्शन करना पड़ा हो। जबकि हर मोर्चे पर फेल रहने वाली कांग्रेस सरकार का डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में ही कर्मचारी वर्ग को सड़कों की धूल फांकनी पड़ रही है। सरकार व कर्मचारियों-पेंशनरों की आपसी समझ व रुतबे को कांग्रेस ने ग्रहण लगा दिया है। परमार ने कहा कि इस तरह के दाग हिमाचल के हिस्से में पहले नहीं आए थे , जो कि सुक्खू सरकार ने लगा दिए हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों से पूर्व कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि हम सत्ता में आएंगे तो आउटसोर्स बंद कर हर वर्ष एक लाख पक्की नौकरी देंगे , लेकिन अब मुख्यमंत्री सुक्खू सार्वजनिक मंचों से ही कह रहे हैं कि हम इतने पद आउटसोर्सिंग से भरने जा रहे हैं। हद तो तब हो गई है जब शिक्षकों के वेतन को लेकर कहा जा रहा है कि इनको देश में सबसे ज्यादा वेतन इस कार्य के लिए मिलता है।
हैरानी की बात है कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले प्रदेश में जब ये वर्ग बेहतरीन सेवाएं दे रहा है, तो उनको प्रोत्साहित करने के बजाय उनके वेतन को लेकर कटाक्ष किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनावों से पूर्व कांग्रेस पार्टी वायदे कुछ करती है और जब सत्ता में आती है तो फिर मुकर जाती है। इनके नेता कर्मचारी हितेषी होने का दम भरते हैं, लेकिन जब कैबिनेट में इनके खिलाफ फैसले लिए जा रहे हैं तो वहां चुप्पी साध लेते हैं। ऐसे दोहरे चरित्र वाले नेता किसी का भला नहीं चाहते और सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए बयानबाजी करते रहते हैं। विपिन परमार ने कहा कि भाजपा ने पांच वर्ष आर्थिक संकट व कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सरकार चलाई और कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी महीने कर्मचारियों की पगार रोकनी पड़ी हो या डीए और एरियर देने में देरी की हो।
ये पहली ऐसी सरकार है जो ऋण तो बेतहाशा ले रही है , लेकिन न तो समय पर सैलरी मिल रही है और न डीए व एरियर घोषणा के बावजूद दिया जा रहा है। यही नहीं मेडिकल रीइंबर्समेंट का भुगतान तक दो वर्षों से नहीं हुआ है , करोड़ों की देनदारी हो गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जो सहूलियत भाजपा सरकार ने पूर्व कार्यकाल में जनता को दी थी , उनको बंद कर टैक्स और रेट बढ़ाकर बोझ डाल रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को कहा कि आपने जो घोषणाएं की है, उसके अनुरूप कर्मचारियों और पेंशनरों को उनका हक अविलंब जारी किया जाए। विपिन परमार ने कहा कि अब प्रदेश के हितों, कर्मचारियों , पेंशनर्स व युवाओं के हक के लिए भाजपा हर मोर्चे पर सड़क पर उतरकर कांग्रेस सरकार को जनता के कटघरे में खड़ा करेगी।