नहीं रहे विख्यात बागवानी वैज्ञानिक और नौणी व पालमपुर विवि के पूर्व वीसी डॉ. जगमोहन सिंह चौहान 

प्रदेश के जाने-माने बागवानी वैज्ञानिक , बागवानी व वानिकी विवि नौणी और कृषि विवि पालमपुर के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. जगमोहन सिंह चौहान का रविवार सुबह सोलन में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे। वे अपने पीछे पत्नी , दो बेटे छोड़ गए। उनके निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। डॉ. जगमोहन सिंह का जन्म सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल के गांव भुईरा में 11 नवंबर , 1945 को हुआ

Aug 25, 2024 - 18:00
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नहीं रहे विख्यात बागवानी वैज्ञानिक और नौणी व पालमपुर विवि के पूर्व वीसी डॉ. जगमोहन सिंह चौहान 
 यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  25-08-2024

प्रदेश के जाने-माने बागवानी वैज्ञानिक , बागवानी व वानिकी विवि नौणी और कृषि विवि पालमपुर के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. जगमोहन सिंह चौहान का रविवार सुबह सोलन में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे। वे अपने पीछे पत्नी , दो बेटे छोड़ गए। उनके निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। डॉ. जगमोहन सिंह का जन्म सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल के गांव भुईरा में 11 नवंबर , 1945 को हुआ। हाई स्कूल की शिक्षा राजगढ़ स्कूल की। इसके बाद पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना से 1966 में बीएससी की डिग्री की। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से हॉर्टिकल्चर में 1969 में एमएससी व पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना से हॉर्टिकल्चर में 1974 में पीएचडी की। 
डॉ. जगमोहन सिंह सिरमौर के अकेले ऐसे व्यक्ति हैं , जो प्रदेश के दोनों प्रमुख विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर भी रहे। 2 जुलाई 2004 से लेकर 5 अप्रैल 2005 तक वह यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर पालमपुर के वीसी और 6 अप्रैल 2005 से 5  अप्रैल 2008 तक डॉ. यशवंत सिंह परमार यूनिवर्सिटी नौणी के वाइस चांसलर रहे। डॉ. जगमोहन सिंह ने 1968 में रिसर्च एसोसिएट के तौर पर रीजनल फ्रूट रिसर्च स्टेशन मशोबरा में सरकारी सेवा ज्वाइन की। इसके बाद फ्रूट रिसर्च स्टेशन कंडाघाट में असिस्टेंट हॉर्टिकल्चरिस्ट बतौर कार्य किया। 1976 में  नौणी यूनिवर्सिटी में ज्वाइन किया। 1984 में प्रोफेसर बने तथा 1995 में फल विज्ञान विभाग के एचओडी रहे। 1998-2001 तक हिमाचल प्रदेश सरकार में प्रतिनियुक्ति पर स्टेट डायरेक्टर ऑफ हॉर्टिकल्चर के पद पर कार्य किया। इसके अलावा नौणी यूनिवर्सिटी में डीन कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर, डायरेक्टर ऑफ एक्सटेंशन एजुकेशन भी रहे। सिरमौर कल्याण मंच सोलन ने भी अपने वरिष्ठ सदस्य के निधन पर शोक जताया और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना जताई। 
यहां जारी बयान में मंच के प्रधान प्रदीप मंमगाई, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. एसएस परमार , एडवोकेट गगन चौहान , महासचिव यशपाल कपूर , वरिष्ठ सदस्य मियां प्रेम सिंह , बलदेव चौहान , कंवर वीरेंद्र सिंह , डॉ. डीपी शर्मा ,  यशपाल शर्मा , डॉ. रामगोपाल शर्मा , जोगिंदर चौहान , गोपाल शर्मा , नरेंद्र चौहान , नारायण सिंह चौहान , बीआर शर्मा , सुरेंद्र ठाकुर , सत्यपाल ठाकुर , डॉ. एसएल वर्मा , डॉ. लोकेश ममगाईं , पदम पुंडीर ,  मनोज पुंडीर , अशोक चौहान , अरुण भारद्वाज , सुनील ठाकुर , दर्शन सिंह पुंडीर , केआर कश्यप , रामदयाल चौहान , उमेश कमल , कमल सिंह कमल , पीडी भारद्वाज , वरूण चौहान , अजय कंवर , नवीन निश्चल शर्मा , महेंद्र गौतम , हरिंद्र ठाकुर , संजीव अवस्थी , शमशेर सिंह , विपुल कश्यप , आरएस ठाकुर , संजय चौहान , एसपी शर्मा , सुखदर्शन ठाकुर , जयचंद शर्मा , राजेंद्र शर्मा , जय प्रकाश चौहान , एलआर दहिया , विनय भगनाल , सुनील ठाकुर , कविराज चौहान समेत सभी सदस्यों ने उनके निधन पर शोक जताया। संयुक्त बयान में मंच के सदस्यों ने कहा कि प्रदेश ने एक बड़ा बागवानी वैज्ञानिक खोया है , जिसकी भरपाई होना नामुमकिन है।

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