नहीं रहे सहारा ग्रुप के फाउंडर सुब्रत रॉय , मौत के बाद निवेशकों को कैसे मिलेगा पैसा ? सेबी के पास पड़े 25000 करोड़

सहारा ग्रुप के फाउंडर सुब्रत रॉय की कार्डियो रेस्पिरेटरी अरेस्ट से मौत हो गई। वो 75 साल के थे और लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में उन्होंने आखिरी सांस ली।बताते है कि सुब्रत रॉय काफी वक्त से कई सारी बीमारियों से जूझ रहे थे। मेटास्टेटिक ​मैलिग्नेंसी , हाइपरटेंशन और डायबिटीज जैसी कई समस्याएं उन्हें थीं। 12 नवंबर 2023 को उनकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ने लगी, तब उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया,

Nov 15, 2023 - 18:16
Nov 15, 2023 - 18:22
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नहीं रहे सहारा ग्रुप के फाउंडर सुब्रत रॉय , मौत के बाद निवेशकों को कैसे मिलेगा पैसा ? सेबी के पास पड़े 25000 करोड़

 

न्यूज़ एजेंसी - मुंबई  15-11-2023

सहारा ग्रुप के फाउंडर सुब्रत रॉय की कार्डियो रेस्पिरेटरी अरेस्ट से मौत हो गई। वो 75 साल के थे और लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में उन्होंने आखिरी सांस ली।बताते है कि सुब्रत रॉय काफी वक्त से कई सारी बीमारियों से जूझ रहे थे। मेटास्टेटिक ​मैलिग्नेंसी , हाइपरटेंशन और डायबिटीज जैसी कई समस्याएं उन्हें थीं। 12 नवंबर 2023 को उनकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ने लगी, तब उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ घंटे बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। रॉय की मौत के बाद लोगों के मन में कई तरह के सवाल आ रहे हैं। जैसे क्या सहाराश्री की मौत के बाद पोर्टल के जरिए उनका रिफंड मिलता रहेगा? सेबी के पड़ी सहारा समूह की अवितरित धनराशि का क्या होगा? सहाराश्री की मौत के बाद रिफंड की प्रक्रिया पर इसका क्या असर पड़ेगा आदि। 

आइए इन सारे सवालों के जवाब पर एक नजर डालते हैं। गौर हो कि केंद्र सरकार की ओर से सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए निवेशकों को उनकी राशि लौटाई जा रही है। इसके जरिए सहारा के 4 कोऑपरेटिव सोसाइटी में फंसे निवेशकों को उनके पैसे रिफंड किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया पर सहाराश्री की मौत का कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि इस मामले में सरकार खुद सामने आकर पोर्टल के जरिए लोगों का पैसा वापस कर रही है। सरकार ने 29 मार्च को कहा था कि सहारा के चारों सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों को नौ महीने के भीतर उनके रुपये लौटा दिए जाएंगे। बता दें, यह घोषणा उच्चतम न्यायालय के उस आदेश के बाद हुई, जिसमें सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक ( सीआरसीएस ) को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया गया था। 

कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने सहारा रिफंड पोर्टल https://mocrefund.crcs.gov.in/ लॉन्च किया। इस पोर्टल के जरिए सहारा के निवेशकों को उनका पैसा वापस किया जा रहा है। सुब्रत रॉय की मौत के बाद भी इस प्रक्रिया से निवेशकों को पैसा वापस करने की प्रक्रिया जारी रहेगी। दूसरी ओर, सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के निधन के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी के खाते में पड़ी 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की गैर वितरण धनराशि भी एक बार फिर से चर्चा में है। रॉय समूह की कंपनियों के संबंध में कई विनियामक तथा कानूनी लड़ाइयों का सामना कर रहे थे। उन पर पोंजी योजनाओं में नियमों को दरकिनार करने का भी आरोप था। हालांकि सहारा समूह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को हमेशा खारिज किया। 

पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 2011 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड ( एसआईआरईएल ) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड ( एसएचआईसीएल ) को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड ( ओएफसीडी ) के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांडों के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था। नियामक ने आदेश में कहा था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा और दोनों कंपनियों को निवेशकों से एकत्र धन 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था। इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया। 

हालांकि समूह लगातार यह कहता रहा कि उसने पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है। पूंजी बाजार नियामक की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह की दो कंपनियों के निवेशकों को 11 वर्षों में 138.07 करोड़ रुपये वापस किए। इस बीच पुनर्भुगतान के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। सहारा की दो कंपनियों के अधिकतर बांड धारकों ने इसको लेकर कोई दावा नहीं किया और कुल राशि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में करीब सात लाख रुपये बढ़ गई, जबकि सेबी-सहारा पुनर्भुगतान खातों में इस दौरान शेष राशि 1,087 करोड़ रुपये बढ़ गई। 

वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी को 31 मार्च, 2023 तक 53,687 खातों से जुड़े 19,650 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से "48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों के लिए 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि लौटाई गई, जिसमें 67.98 करोड़ रुपये की ब्याज राशि भी शामिल है।’’ शेष आवेदन सहारा समूह की दोनों कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी के जरिए उनका कोई पता नहीं लग पाने के कारण बंद कर दिए गए।" सेबी ने आखिरी अद्यतन जानकारी में 31 मार्च 2022 तक 17,526 आवेदनों से संबंधित कुल राशि 138 करोड़ रुपये बताई थी। सेबी ने कहा कि 31 मार्च 2023 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपये है।

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