अब सैनिकों के आश्रितों को 30 लाख रूपये मिलेगी अनुग्रह अनुदान राशि , सरकार ने की डेढ़ गुना बढ़ौतरी 

राज्य सरकार ने सितंबर 2023 से युद्ध या आपरेशन के समय शहीद या दिव्यांग हुए सैनिकों के आश्रितों को प्रदान की जा रही अनुग्रह अनुदान राशि की दरों में डेढ़ गुना बढ़ोतरी की है। शहीद सैनिकों के परिवारों को मिलने वाली 20 लाख की राशि को बढ़ाकर 30 लाख, अन्य कारणों से सैनिकों के निधन पर राशि को 5 लाख से 7.50 लाख और युद्ध में अपंग सैनिकों को दी जाने वाली राशि को 2.50 लाख से 3.75 लाख व 1.00 लाख से 1.50 लाख रुपए किया गया है

Jul 26, 2024 - 19:47
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अब सैनिकों के आश्रितों को 30 लाख रूपये मिलेगी अनुग्रह अनुदान राशि , सरकार ने की डेढ़ गुना बढ़ौतरी 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  26-07-2024

राज्य सरकार ने सितंबर 2023 से युद्ध या आपरेशन के समय शहीद या दिव्यांग हुए सैनिकों के आश्रितों को प्रदान की जा रही अनुग्रह अनुदान राशि की दरों में डेढ़ गुना बढ़ोतरी की है। शहीद सैनिकों के परिवारों को मिलने वाली 20 लाख की राशि को बढ़ाकर 30 लाख, अन्य कारणों से सैनिकों के निधन पर राशि को 5 लाख से 7.50 लाख और युद्ध में अपंग सैनिकों को दी जाने वाली राशि को 2.50 लाख से 3.75 लाख व 1.00 लाख से 1.50 लाख रुपए किया गया है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने दी है। स्वास्थ्य और सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि सितंबर 2023 से नॉन पेंशनर पूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं को मिलने वाली बुढ़ापा आर्थिक सहायता की पात्रता के लिए 35 हजार रुपए की वार्षिक आय सीमा की शर्त को हटाया गया। 
द्वितीय विश्व युद्ध के नान पेंशनरों पूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं को दी जा रही बुढ़ापा आर्थिक सहायता को 31 अक्तूबर 2023 से प्रथम विश्व युद्ध के नान पेंशनर पूर्व सैनिकों को भी प्रदान करने की स्वीकृति प्रदेश सरकार ने दी गई। कर्नल शांडिल शिमला में राज्यस्तरीय कारगिल विजय दिवस समारोह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के सैनिकों और पूर्व सैनिकों को हिमाचल पर्यटन निगम के होटलों में ठहरने पर 50 फीसदी की छूट तथा होटल के खाने पर 30 फीसदी की अतिरिक्त छूट का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि 660 पूर्व सैनिकों व 08 शहीदों के आश्रितों को रोजगार प्रदान किया गया। इसके साथ शौर्य पुरस्कार विजेताओं को लगभग चार करोड़ की राशि वितरित की गई है। 60 वर्ष से ऊपर के नॉन पैन्शनर पूर्व सैनिकों व उनकी विधवाओं को लगभग 9 करोड़ की बुढ़ापा आर्थिक सहायता की राशि वितरित की गई। 
युद्ध ऑपरेशन के समय शहीद या दिव्यांग हुए सैनिकों के आश्रितों को कुल मुबलिग 3.50 करोड़ की अनुग्रह राशि प्रदान की गई। 24 वीरता पुरस्कार विजेताओं व 05 वीर नारियों को हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की गई। युद्धजागीर के लाभार्थियों को लगभग 37 लाख की राशि प्रदान की गई। सैनिक विश्राम गृहों के रखरखाव पर 25 लाख रुपये की राशि खर्च की गई। कार्यक्रम में सैनिक कल्याण बोर्ड के निदेशक बिग्रडियर मदन शील शर्मा ने अपने भाषण में कारगिल विजय दिवस के बारे विस्तृत जानकारी रखी। कार्यक्रम में उपायुक्त अनुपम कश्यप ने मुख्यातिथि, शहीद परिवारों के सदस्यों, पूर्व सैनिकों और अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज हम अगर देश में सुरक्षित है तो सैनिकों की बलिदान और वीरता की वजह से है। 
उन्होंने कहा कि हमारे बलिदानी वीरों की वीरता के बारे में समाज को जागरूक होना चाहिए। प्रदेश में वर्तमान में एक लाख 29 हजार 656 पूर्व सैनिक, 972 वीर नारियां और 38 हजार 996 पूर्व सैनिकों की विधवाएं हैं। इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश के 04 जांबाज सैनिकों को परम वीर चक्र, 02 को अशोक चक्र, 11 को महावीर चक्र और 23 को कीर्ति चक्र जैसे शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त 1148 सैनिक विभिन्न पदक से सम्मानित हैं। इनमें से जिला शिमला के 01 परम वीर चक्र, 01 अशोक चक्र, 01 कीर्ति चक्र, 06 वीर चक्र, 11 शौर्य चक्र, 58 सैनिक विभिन्न पदक से सम्मानित हैं।

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