हिमाचल और उत्तराखंड को जोड़ने वाले पुल पर मंडरा रहा मौत का खतरा , दोनों राज्यों की सरकारें बेबस
हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड राज्य की सीमा को जोड़ने वाला यमुना नदी पर बने लगभग 5 दशक पुराना पुल खतरे की जद में है। मजेदार बात तो यह है कि उत्तराखंड सरकार और हिमाचल सरकार बस एक दूसरे पर इस जिम्मेदारी को डालती है , लेकिन अभी तक इस ओर सिर्फ बातचीत के अलावा धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ है। हैरानी की बात ये है की राजनेता भी अभी तक इस पुल के निर्माण में बेबस नजर आई
अंकिता नेगी - पांवटा साहिब 15-11-2023
हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड राज्य की सीमा को जोड़ने वाला यमुना नदी पर बने लगभग 5 दशक पुराना पुल खतरे की जद में है। मजेदार बात तो यह है कि उत्तराखंड सरकार और हिमाचल सरकार बस एक दूसरे पर इस जिम्मेदारी को डालती है , लेकिन अभी तक इस ओर सिर्फ बातचीत के अलावा धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ है। हैरानी की बात ये है की राजनेता भी अभी तक इस पुल के निर्माण में बेबस नजर आई है। बेलगाम खनन माफिया और सुस्त जिम्मेदार विभागों की लापरवाही पुल के अस्तित्व पर खतरा बन गई है। पुल की क्षमता से अधिक भार वाले हजारों वाहन रोज गुजर रहे हैं।
भविष्य में किसी होने वाली अप्रिय घटना से बचने के लिए रामपुर घाट पर भारी वाहनों की आवाजाही के लिए एक पुल का निर्माण भी होना चाहिए, बावजूद इस सब के शासन प्रशासन की अनदेखी का आलम इतना है कि कोई भी इस मामले को गंभीरता से लेने को तैयार नहीं है। उधर एसडीओ एनएच सूर्यकांत ने बताया कि पुल की लगातार जांच की जाती है और रिपेयरिंग वर्क समय समय में किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस पुल के काम को लेकर 17 मार्च को उपायुक्त सिरमौर कार्यालय में डीसी सिरमौर के साथ एक बैठक की गई थी , जिसमे उत्तराखंड के विकासनगर के एसडीएम व हरियाणा के सिंचाई विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में इस पुल के मरम्मत के लिए वाहनो के रूट चेंज करने को लेकर बात हुई।
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