वर्ष 2026 तक देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनेगा हिमाचल , ग्रीन स्टेट के लिए  सरकार ने केंद्र से मांगी मदद

हिमाचल प्रदेश देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में 31 मार्च, 2026 तक स्थापित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार हरित ऊर्जा विकल्पों का समुचित दोहन सुनिश्चित कर रही है। सौर ऊर्जा पर्यावरण हितैषी और ऊर्जा का नवीकरणीय साधन है। इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम किया जा सकता है

Aug 19, 2024 - 18:12
Aug 19, 2024 - 18:26
 0  13
वर्ष 2026 तक देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनेगा हिमाचल , ग्रीन स्टेट के लिए  सरकार ने केंद्र से मांगी मदद

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  19-08-2024

हिमाचल प्रदेश देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में 31 मार्च, 2026 तक स्थापित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार हरित ऊर्जा विकल्पों का समुचित दोहन सुनिश्चित कर रही है। सौर ऊर्जा पर्यावरण हितैषी और ऊर्जा का नवीकरणीय साधन है। इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम किया जा सकता है। 
सौर ऊर्जा परियोजनाओं का रखखाव आसानी से किया जा सकता है और इनका जीवनकाल भी लंबा होता है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश सरकार हरित उद्योगों को बढ़ावा प्रदान कर रही है। वर्तमान में जलवायु परिवर्तन विश्व की सबसे बड़ी चुनौती है और प्रदेश सरकार हरित पहल के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को कम करने की दिशा में कार्य रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू सौर ऊर्जा के लिए केंद्र सरकार के समक्ष भी हिमाचल के हितों की पैरवी कर रहे हैं। 
वह केंद्र से स्पीति में मेगा सोलर पार्क के लिए भी सहायता का आग्रह कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि स्पीति में 1000 मेगावाट हाइब्रिड सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है , जिसका ग्रीन कॉरिडोर ट्रांसमिशन के जरिए दोहन किया जा सकता है। वहीं, सतलुज घाटी में सौर पवन और जलविद्युत ऊर्जा की भी अपार संभावनाएं हैं। परिवहन विभाग प्रदेश का पहला विभाग है जहां सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 
मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री भी अपने अधिकारिक कार्यक्रमों के लिए इलेक्ट्रिक गाडिय़ों में ही सफर कर रहे हैैं। राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा निजी भूमि पर 100 से 500 किलोवाट तक के सोलर पैनल लगाने के लिए 45 फीसदी उपदान दिया जा रहा है। वहीं राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत 40 प्रतिशत उपदान पर ई-टैैक्सी चलाने के लिए 10 हजार परमिट दिए जा रहे हैैं। प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए सरकार कारगर कदम उठा रही है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow