देश में लागू किया जा रहा लेटरल सिस्टम बिना यूपीएससी के बनाये जा रहे आईएएस , आखिर यह है क्या जानिए

भारत में इनदिनों बिना यूपीएससी एग्जाम के आईएएस अफसर बनने की मुद्दा छिड़ा हुआ है। यह सिस्टम है लेटरल, जिसमें बिना एग्जाम के प्राइवेट सेक्टर्ज के एक्सपर्ट को विभिन्न मंत्रालयों में अहम पदों पर तैनाती दी जाती है। इस सिस्टम को लेकर अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े तथा विपक्ष के नेता एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि ऐसा कर वह आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही

Aug 19, 2024 - 18:09
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देश में लागू किया जा रहा लेटरल सिस्टम बिना यूपीएससी के बनाये जा रहे आईएएस , आखिर यह है क्या जानिए

न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली  19-08-2024

भारत में इनदिनों बिना यूपीएससी एग्जाम के आईएएस अफसर बनने की मुद्दा छिड़ा हुआ है। यह सिस्टम है लेटरल, जिसमें बिना एग्जाम के प्राइवेट सेक्टर्ज के एक्सपर्ट को विभिन्न मंत्रालयों में अहम पदों पर तैनाती दी जाती है। इस सिस्टम को लेकर अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े तथा विपक्ष के नेता एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि ऐसा कर वह आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही है। खडग़े ने कहा कि सरकार के लेटरल एंट्री का प्रावधान संविधान पर हमला क्यों है। 
सरकारी महकमों में नौकरियां भरने के बजाय , पिछले 10 वर्षों में अकेले पीएसयू में ही भारत सरकार के हिस्सों को बेच-बेच कर 5.1 लाख पद भाजपा ने खत्म कर दिए हैं। कैजुअल एंड कॉन्ट्रैक्ट भर्ती में 91 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है। एससी , एसटी तथा ओबीसी के 2022- 23 तक 1.3 लाख पद कम हुए है। उन्होंने कहा कि हम लेटरल एंट्री गिने-चुने स्पेशलिस्ट और विशेषज्ञ को कुछ क्षेत्रों विशेष पदों में उनकी उपयोगिता के अनुसार नियुक्त करने के लिए लाए थे, पर मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री का प्रावधान सरकार में विशेषज्ञ नियुक्त करने के लिए नहीं, बल्कि दलित, आदिवासी व पिछड़े वर्गों का अधिकार छीनने के लिए किया है। 
एससी , एसटी , ओबीसी , ईएसडब्ल्यू के पद अब आरएसएस के लोगों को मिलेंगे। यह आरक्षण छीनकर संविधान को बदलने का भाजपा चक्रव्यूह है। राहुल गांधी ने कहा कि लेटरल एंट्री दलित , ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। भाजपा का राम राज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करना और बहुजनों से आरक्षण छीनना चाहता है। यह एक सीधी भर्ती होती है, जिसमें आईएएस रैंक दिया जाता है। इसके लिए यूपीएससी का एग्जाम नहीं देना पड़ता है। यह भर्ती उन पदों पर की जाती है , जिसमें आईएएस रैंक के अधिकारी तैनात होते हैं। मसलन विभिन्न मंत्रालयों में उपसचिव , ज्वाइंट सेक्रेटरी , डायरेक्टर , डिप्टी डायरेक्टर पद पर उनकी नियुक्ति की जाती है। 
इस भर्ती में प्राइवेट सेक्टर के विभिन्न एक्सपर्ट को सरकार उपरोक्त पदों पर तैनाती देती है। लेटरल सिस्टम में यूपीएससी एग्जाम नहीं देना पड़ता है। बिना एग्जाम के इंटरव्यू के जरिए इनकी नियुक्ति होती है। लेटरल सिस्टम सिर्फ भारत में ही नहीं है, बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी यह सिस्टम है। इसमें ऑस्ट्रेलिया , अमेरिका , यूके , फ्रांस , बेज्यिम , इटली , जापान , स्पेन और दक्षिण कोरिया जैसे देश शामिल हैं, जहां महत्वपूर्ण पदों पर इसी सिस्टम के जरिए नियुक्तियां होती हैं। पिछले पांच साल में भारत में लेटरल सिस्टम के जरिए 63 नियुक्तियां की गई हैं।

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