श्रीखंड यात्रा में पहली बार श्रद्धालुओं को जूट की पूल्हों का होगा इंतजाम 

उत्तर भारत की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड यात्रा को मात्र एक दिन शेष बचा है। 14 जुलाई से यात्रा शुरू होगी। वहीं, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जहां जिला प्रशासन ने बेहतरीन प्रावधान किया

Jul 13, 2024 - 15:46
Jul 13, 2024 - 17:23
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श्रीखंड यात्रा में पहली बार श्रद्धालुओं को जूट की पूल्हों का होगा इंतजाम 

यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू    13-07-2024

उत्तर भारत की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड यात्रा को मात्र एक दिन शेष बचा है। 14 जुलाई से यात्रा शुरू होगी। वहीं, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जहां जिला प्रशासन ने बेहतरीन प्रावधान किया है, वहीं आज तक की यात्राओं में पहली बार श्रद्धालुओं को जूट की पूल्हों का इंतजाम किया गया है। यह श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होगा। 

श्रीखंड महादेव की ऊंचाई 18570 फुट की है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला परिषद कुल्लू ने ये प्रबंध किए हैं। बाकायदा जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार कुल्लू से पूल्हें लेकर श्रीखंड के लिए स्वयं रवाना हो गए हैं। श्रीखंड में 30 फुट के दायरे में जूते नहीं ले जाने पड़ते हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं को नंगे पांव श्रीखंड महादेव के पास दर्शन को पहुंचना पड़ता है।

कई बार यहां पर बर्फ होने और कड़ाके की ठंड से लोगों को कुछ पल ही दर्शन को खड़े होने पड़ता है और पांव में अधिक ठंड लगने से कुछ मिनटों में वापस लौटना पड़ता है। इस बार श्रीखंड में जहां श्रद्धालु 30 फुट की दूरी पर पांव से जूते उतारते हैं। वहीं, उसे नंगे पांव नहीं, बल्कि पूल्हें पहनकर जाएंगे। आराम से श्रीखंड में पूजा-अर्चना कर सकते हैं। 

ठंड से बड़ा बचाव होगा और बीमार नहीं पड़ेंगे। जिला परिषद कुल्लू ने 51 जोड़ी जूट पूल्हों की सेल्फ-हैल्फ ग्रुपों से खरीद की है और इन पूलों को लेकर शुक्रवार को जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार कुल्लू से श्रीखंड के लिए रवाना हो गए हैं। श्रीखंड में श्रद्धालु दर्शन के दौरान इन पूल्हों को पहनेंगे। ये पूल्हें वहां पर रखी जाएंगी और बारी-बारी श्रद्धालु इन पुलों को पहनकर श्रीखंड महादेव के दर्शन करेंगे।

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