गहन अध्ययन और विचार करके काम करती है  मोदी सरकार , अस्थायी निर्णय लेकर काम नहीं करती केंद्र सरकार : कश्यप

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के कैबिनेट द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने के निर्णय का स्वागत किया। कश्यप ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी कर्मचारियों की चिंता सुनी, उसे समझा, उसके लिए डॉ. रंग नाथन कमेटी बनायी......

Aug 26, 2024 - 19:12
Aug 26, 2024 - 19:30
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गहन अध्ययन और विचार करके काम करती है  मोदी सरकार , अस्थायी निर्णय लेकर काम नहीं करती केंद्र सरकार : कश्यप


यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  26-08-2024

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के कैबिनेट द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने के निर्णय का स्वागत किया। कश्यप ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी कर्मचारियों की चिंता सुनी, उसे समझा, उसके लिए डॉ. रंग नाथन कमेटी बनायी और यूनिफाइड पेंशन स्कीम ( यूपीएस ) लागू करने का एक सार्थक निर्णय लिया, जो बहुत ही प्रशंसनीय है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी आदरणीय प्रधानमंत्री और मोदी सरकार का अभिनंदन करती है। कश्यप ने कहा कि हिंडेनबर्ग मामले में एक कहानी देश की जनता को बताया था कि राहुल गांधी चिट पॉलिटिक्स करते हैं। किसी ने चिट पकड़ा दिया कि ओल्ड पेंशन स्कीम ले आओ, यह बहुत अच्छा मुद्दा है। 
किसी ने उन्हें संविधान का चिट पकड़ा दिया। उसके पहले किसी ने उन्हें राफेल का चिट पकड़ा दिया, तो कभी किसी ने उन्हें हिंडेनबर्ग का चिट पकड़ा दिया। कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी यह समझ लें कि देश ऐसे नहीं चलता है। भारत सरकार चलाना एक गंभीर और परिपक्व विषय है, जहां सोच-समझ कर फेसले लेने पड़ते हैं। निर्णय लेने में अस्थायी सोच नहीं चलता है। ऐसा नहीं होता कि एक चुनाव हो गया, अब उस मुद्दे को छोड़ दिए। कांग्रेस ने चुनाव में वोट लेने के लिए ऐसा बोलना शुरू कर दिया है कि देश की जनता को कांग्रेस पार्टी के निर्णय और वादों पर से भरोसा उठ रहा है। देश के कर्मचारियों की चिंता हो , सेवारत हो या सेवानिवृत हो , यह हमेशा बड़ा मुद्दा बनता है। राजनीति में भी बड़ा मुद्दा बनता है। पहले ओल्ड पेंशन स्कीम ( ओपीएस ) थी। वर्ष 2004 में न्यू पेंशन स्कीम ( एनपीए ) बनी। इसके लिए व्यापक स्तर पर सलाह मशविरा हुआ था। 
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उस वक्त मैं मंत्री भी था। उस वक्त कांग्रेस पार्टी समेत लगभग सभी दलों ने एनपीएस का समर्थन किया था। उस वक्त एनपीएस को कांग्रेस की कई सरकारों ने भी समर्थन किया था। बाद में उसका विरोध किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता के मांगों को सुनते हैं , समझते हैं और संवेदनशील रहते हैं। जब कर्मचारियों के अखिल भारतीय संगठन कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज ने ओपीएस की मांग की तो तत्कालीन वित्त सचिव जो वर्तमान में होने वाले कैबिनेट सचिव डॉ. सोम नाथन की अध्यक्षता में पेंशन स्कीम को लेकर कमेटी गठित की गयी थी। डॉ सोम नाथन कमिटी की सिफारिशों को कल मोदी सरकार के कैबिनेट ने स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि सोम नाथन कमेटी की सिफारिश लागू होने के बाद 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को 50 प्रतिशत एश्योर्ड पेंशन तय हो गया है। 
अर्थात सेवानिवृति वर्ष के अंतिम महीने का वेतन का 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। अगर 25 साल सेवा पूरा किए हैं तो 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। अगर 25 साल से कम की सेवाकाल हुआ तो उसका अनुपातिक राशि मिलेगी। अगर 10 साल तक सेवाकाल रहा है तो 10 हजार रुपए पेंशन के रूप में मिलेगा। समय के अनुसार महंगाई बढ़ती है। उसके अनुसार सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिलता है। अगर सरकारी कर्मचारी का निधन हो जाता है तो उस कर्मचारी को मिलाने वाले पेंशन का 60 प्रतिशत राशि उसके परिवार को पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस निर्णय में कल्याणकारी राज की सोच दिखाई पड़ती है। न्यू पेंशन स्कीम आयी थी तो लोगों में चर्चा थी कि सरकार फंडिंग करने में कमी कर रही है। मोदी सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम में होने वाली फंडिंग भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। 
पहले एनपीएस में 10 प्रतिशत राशि कर्मचारी की होती थी और 14 प्रतिशत राशि भारत सरकार की होती थी। अब 10 प्रतिशत राशि सरकारी कर्मचारी की वेतन से और 18.5 प्रतिशत भारत सरकार देगी। देश के कर्मचारियों के हित में जितना भी संभव है उतना मोदी सरकार ने किया है। सरकारी कर्मचारी देश के लिए काम करते हैं, भले ही सत्ता में कोई पार्टी हो। उनके कार्यों के कारण देश आगे बढ़ता है। प्रधानामंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों के योगदान का हमे सम्मान करना है और सम्मान करते रहेंगे। नरेन्द्र मोदी की सरकार सोच समझकर, विचार करके काम करती है। अस्थायी निर्णय लेकर काम नहीं करती है। मोदी सरकार जो भी निर्णय करती है वो जनहित में होता है। इस मामले में जनहित निर्णय देश के 23 लाख सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार के लिए ली गयी है।

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