कूडो वर्ल्ड कप की गोल्ड मेडल विजेता पेमा ठाकुर को मिला सम्मान

यह अत्यंत गर्व और हर्ष का विषय है कि सोलन की पेमा ठाकुर ने वरना , बुल्गारिया में आयोजित कूडो वर्ल्ड कप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व स्वर्ण पदक विजेता बनने का गौरव प्राप्त किया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए विश्व के शीर्ष खिलाड़ियों को पराजित किया और अपने वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान और गौरव बढ़ाया। पेमा ठाकुर की यह सफलता नारी शक्ति , अनुशासन , संकल्प और कठोर परिश्रम का प्रतीक है

Jul 16, 2025 - 19:07
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कूडो वर्ल्ड कप की गोल्ड मेडल विजेता पेमा ठाकुर को मिला सम्मान

 
यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन  16-07-2025


यह अत्यंत गर्व और हर्ष का विषय है कि सोलन की पेमा ठाकुर ने वरना , बुल्गारिया में आयोजित कूडो वर्ल्ड कप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व स्वर्ण पदक विजेता बनने का गौरव प्राप्त किया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए विश्व के शीर्ष खिलाड़ियों को पराजित किया और अपने वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान और गौरव बढ़ाया। पेमा ठाकुर की यह सफलता नारी शक्ति , अनुशासन , संकल्प और कठोर परिश्रम का प्रतीक है। आत्मविश्वास और गरिमा के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए उन्होंने भारतीय मार्शल आर्ट की श्रेष्ठता को विश्व मंच पर सिद्ध किया। यह उपलब्धि न केवल सोलन के लिए, बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए गर्व का एक स्वर्णिम क्षण है। 

भारत लौटने पर पेमा ठाकुर ने डॉ. (कर्नल) संजय शांडिल से विशेष भेंट की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। यह भेंट एक अत्यंत भावनात्मक और प्रेरणादायक क्षण रहा। डॉ. (कर्नल) शांडिल, जो स्वयं एक वीर सैनिक, प्रतिष्ठित नेता और युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं, ने पेमा को शुभ आशीर्वाद देते हुए कहा कि बेटी पेमा ने देश और प्रदेश का सिर ऊंचा किया है। ऐसे प्रतिभावान युवाओं में देश का भविष्य है। पेमा ने भी डॉ. शांडिल के स्वभाव , अनुशासन और नेतृत्व से गहरे रूप से प्रेरित होने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस मुलाकात ने उन्हें अपने लक्ष्य के प्रति और अधिक प्रतिबद्ध और समर्पित बना दिया है। 
पेमा ठाकुर ने यह भी साझा किया कि वे आने वाले समय में अन्य युवतियों को स्वरक्षा एवं आत्मबल के लिए प्रेरित करना चाहती हैं। उनका उद्देश्य न केवल खेल में उत्कृष्टता पाना है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाकर नारी सशक्तिकरण को एक नई दिशा देना है। उनकी यह उपलब्धि यह सिद्ध करती है कि छोटे शहरों की बेटियाँ, यदि उन्हें सही मार्गदर्शन, संस्कार और प्रेरणा मिले, तो वे विश्व स्तर पर सफलता के शिखर तक पहुँच सकती हैं। यह यात्रा है सपनों की शक्ति, चरित्र की दृढ़ता, और वरिष्ठों के आशीर्वाद की। हम विश्व विजेता पेमा ठाकुर को दिल से बधाई देते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की हार्दिक कामना करते हैं।

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