यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 17-06-2025
आखिरकार हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय से भाजपा नेताओं को हत्या के प्रयास मामले में राहत मिल गई है। मंगलवार को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल और पूर्व मंत्री एवं पांवटा साहिब के विधायक के सुखराम चौधरी को हत्या के प्रयास समेत गंभीर आरोपों में दर्ज मामले में अग्रिम जमानत मिल गई है। जानकारी के मुताबिक न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की अदालत ने मंगलवार देर शाम को दोनों नेताओं को 24 जून तक अंतरिम राहत देते हुए आदेश पारित किया है। जिसकी अगली सुनवाई 24 जून को होगी। गौर हो की पांवटा साहिब के माजरा क्षेत्र के किरतपुर में एक लड़की के अपहरण मामले को लेकर दो समुदाय के बीच तनाव पैदा हो गया था।
पुलिस का कहना है कि भाजपा नेताओं ने इस मामले को सांप्रदायिक रंग दे दिया था और लव जिहाद से जोड़ने के भी आरोप लगाए थे। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाए थे कि मुस्लिम समुदाय के युवक ने हिंदू समुदाय की लड़की को लव जेहाद में फंसाकर उसे उसका अपहरण कर लिया है जिसके चलते दोनों समुदाय के बीच माहौल तनावपूर्ण हो गया था। क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण होने के चलते स्थानीय प्रशासन ने माजरा और आसपास के क्षेत्र में धारा 163 लगा दी थी , लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल और पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी सहित करीब 50 से अधिक लोगों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया , जिसके चलते पुलिस ने करीब पांच दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
मामला दर्ज होने के उपरांत भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कोर्ट में अग्रिम जमानत को आवेदन किया जिस पर मंगलवार देर शाम को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने डॉ राजीव बिंदल और सुखराम चौधरी को अग्रिम जमानत दे दी है। गौर हो कि माजरा क्षेत्र में युवती का अपहरण मामले को लेकर माहौल गर्मा गया था , लेकिन पुलिस ने बाद में युवती को बरामद कर लिया और उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया। जहां युवती ने अपहरण के बात नकार दिया और अदालत में बयान दिया कि वह मुस्लिम समुदाय के लड़के के साथ अपनी मर्जी से घूमने गई थी।
लड़की ने कोर्ट को बताया कि ना तो उसका अपहरण हुआ है और ना ही उसने धर्म परिवर्तन किया है। यही नहीं लड़की ने यह भी कहा कि उसने किसी भी लड़के से विवाह नहीं किया है। कोर्ट में पेश होने के बाद पुलिस ने युवती को परिजनों के सुपुर्द कर दिया लेकिन माहौल को तनावपूर्ण बनाने के चलते पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी और हिंदू समुदाय से जुड़े करीब पांच दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ धारा 163 का उल्लंघन करने का आरोप में मामला दर्ज किया।