क्या ! बंद होगा डिपो में मिलने वाला सस्ता राशन , निगम की बसों में महिलाओं को देना पड़ेगा पूरा किराया

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार कर्ज के बोझ तले दबे प्रदेश की आर्थिक को सुधारने के लिए कुछ अहम कदम उठा सकती है या यूं कहे की कर्ज के बॉस तले दबे प्रदेश को उभारने के लिए सुखविंदर सिंह को सरकार हिमाचल की जनता के हकों पर डाका डाल सकती है। सूत्र बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार की मजबूती के साथ अब सुखविंदर सिंह सुक्खू बेधड़क होकर कठोर निर्णय ले सकते हैं , क्योंकि उन्हें अब सरकार को गिरने का कोई भी डर नहीं रहा है

Jul 15, 2024 - 19:53
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क्या ! बंद होगा डिपो में मिलने वाला सस्ता राशन , निगम की बसों में महिलाओं को देना पड़ेगा पूरा किराया
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 15-07-2024
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार कर्ज के बोझ तले दबे प्रदेश की आर्थिक को सुधारने के लिए कुछ अहम कदम उठा सकती है या यूं कहे की कर्ज के बॉस तले दबे प्रदेश को उभारने के लिए सुखविंदर सिंह को सरकार हिमाचल की जनता के हकों पर डाका डाल सकती है। सूत्र बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार की मजबूती के साथ अब सुखविंदर सिंह सुक्खू बेधड़क होकर कठोर निर्णय ले सकते हैं , क्योंकि उन्हें अब सरकार को गिरने का कोई भी डर नहीं रहा है। 
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में भले ही हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को मुंह की खानी पड़ी , लेकिन जिस प्रकार विधानसभा की 6 सीटों में से चार सीटें जीत कर अपनी संख्या बढ़ाई है , वही उपचुनाव में भी तीन में से दो सीटें जीतकर सुक्खू सरकार और मजबूत हुई है। सरकार की मजबूती के साथ अब सुक्खू सरकार हिमाचल प्रदेश की जनता के हितों पर क्या डालने की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि सरकार द्वारा जहां राशन की डिपो में राशन पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म किया जा सकता है। 
वहीं महिलाओं को निगम की बसों में दिया जा रहा 50 प्रतिशत किराये में छूट पर भी सरकार कैंची चलाने के मूड में है। यही नहीं सूत्रों का तो यह भी कहना है कि हिमाचल प्रदेश के लाखों बच्चों को मिलने वाली मुफ्त वर्दी योजना में  भी सरकार कुछ फेरबदल करने की फिराक में है। अब देखना यह है कि क्या हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार चुनाव जीतने के बाद हिमाचल की आर्थिकी में सुधार करती है या फिर अपने मित्रों की और बड़ी फौज खड़ी कर हिमाचल के जनता की छाती पर मूँग दलेगी। 
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में कर्ज का बोझ करीब 90 हजार करोड़ तक पहुंच गया है। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा भी हिमाचल को मिलने वाली रियासतों पर कैंची चलाने की सूचना है। यदि केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल को मिलने वाले प्रोजेक्ट्स जो अभी 90-10 के अनुपात में मिलते हैं उन पर भी पूर्व यूपीएस सरकार की तर्ज पर 50-50 के अनुपात पर रखा गया तो आने वाले समय में हिमाचल की मुश्किलें और बढ़ जाएगी। 

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