नौ माह बाद तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा जवान , राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों ने दी अंतिम विदाई

गत वर्ष अक्टूबर में कारगिल में ग्लेशियर की चपेट में आए भारतीय सेना के जवान की नौ माह बाद पार्थिव देह बरामद हुई है। किन्नौर जिले की तरांडा पंचायत के शहीद रोहित नेगी की पार्थिव देह 5 जुलाई को बरामद हुई। मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। बीते वर्ष अक्टूबर में सीमा पर जवानों को ट्रेनिंग देने के दौरान हवलदार ट्रेनर रोहित नेगी सहित चार जवान कारगिल में ग्लेशियर की चपेट में आ गए

Jul 9, 2024 - 20:02
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नौ माह बाद तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा जवान , राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों ने दी अंतिम विदाई
यंगवार्ता न्यूज़ - रिकांगपिओ  09-07-2024
गत वर्ष अक्टूबर में कारगिल में ग्लेशियर की चपेट में आए भारतीय सेना के जवान की नौ माह बाद पार्थिव देह बरामद हुई है। किन्नौर जिले की तरांडा पंचायत के शहीद रोहित नेगी की पार्थिव देह 5 जुलाई को बरामद हुई। मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। बीते वर्ष अक्टूबर में सीमा पर जवानों को ट्रेनिंग देने के दौरान हवलदार ट्रेनर रोहित नेगी सहित चार जवान कारगिल में ग्लेशियर की चपेट में आ गए थे। इसके बाद लापता जवानों की तलाश की गई, लेकिन सर्दियों का मौसम शुरू होने के बाद कुछ समय तक सर्च ऑपरेशन रोकना पड़ा।  बीते 28 जून को फिर से ग्लेशियर में दबे लापता जवानों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। 
आठ दिन के सर्च ऑपरेशन के बाद ग्लेशियर से तीन जवानों के शव बरामद हुए, जिनमें डोगरा स्कॉट के ट्रेनर हवलदार रोहित नेगी का शव भी शामिल था। रोहित के परिजन बीते नौ माह से अपने बेटे की सलामती की उम्मीद लगाए हुए थे, लेकिन 5 जुलाई को उन्हें रोहित के मृत अवस्था में मिलने की सूचना मिली। कारगिल से वायु मार्ग के जरिये जवान के शव को चंडीगढ़ तक पहुंचाया गया और यहां से आगे वाहन से शव को किन्नौर पहुंचाया गया। रोहित के छह सदस्यीय परिवार में पिता अमर सिंह नेगी, माता कृष्णा देवी, पत्नी भारत लक्ष्मी नेगी, बेटा प्रणव, बेटी समायरा, छोटा भाई राहुल  शामिल हैं। तराण्डा गांव के शहीद हवलदार रोहित नेगी का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा नौ माह बाद मंगलवार को अपने पैतृक गांव पहुंचा तथा शहीद हवलदार रोहित नेगी का राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया। 
इस अवसर पर डोगरा रेजीमेंट के कमांडर की मौजूदगी में रोहित नेगी के घर तथा श्मशान घाट पर सलामी दी गई , जबकि इस अवसर प्रशासन की ओर से तहसीलदार भावानगर अरुण सहित पुलिस दल भी शामिल हुए। इस दौरान भारी संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने नम आंखों से शहीद हवलदार रोहित नेगी को अंतिम विदाई दी तथा रोहित नेगी अमर रहे के नारे लगाए। बता दें कि शहीद हवलदार रोहित नेगी डोगरा रेजीमेंट में थे तथा गत वर्ष अक्तूबर के प्रथम सप्ताह में रोहित नेगी कश्मीर सीमा में सेवाएं देते हुए एक अभियान के दौरान कुछ साथियों सहित हिमखंड में दब गए थे। जबकि उसके बाद एक साथी जवान का शव तो मिल गया था बाकी जवान बर्फ में दब गए थे तथा पूरे नौ माह बाद रोहित नेगी पुत्र अमर सिंह का पार्थिव शरीर चार रोज पहले भारतीय सेना ने खोज लिया। 
रोहित नेगी के पार्थिव शरीर के प्रवेश द्वार चौरा पहुंचने पर भारी संख्या में जिला के लोग वहां एकत्रित हो गए तथा रोहित नेगी अमर रहे तथा जब तक सूरज चांद रहेगा रोहित नेगी का नाम रहेगा और भारत माता की जय आदि नारे लगाते हुए घर तक पहुंचे जहां। उसके बाद श्मशान घाट तक पहुंचे जहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान रोहित के भाई ने मुखाग्नि दी तथा राजकीय सम्मान के साथ उनका दाह संस्कार किया गया। 
शहीद रोहित नेगी के पिता अमर सिंह भी पूर्व सैनिक हैं तथा रोहित नेगी अपने पीछे 3 वर्षीय बेटे , 7 वर्षीय बेटी पत्नी , बूढ़े मां बाप तथा एक छोटे भाई को छोड़ गए हैं। वहीं शहीद रोहित नेगी के पिता पूर्व सैनिक अमर सिंह को जहां एक ओर बेटे के खोने का गम है तो वहीं दूसरी ओर देश के लिए शहादत पर गर्व महसूस कर रहे हैं।वहीं इस अवसर पर डोगरा रेजीमेंट के कमांडेंट ने भी परिजनों को आर्मी की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया।

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