यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 09-12-2025
संजौली मस्जिद मामले में ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष नजाकत अली हाशमी की प्रेस वार्ता के बाद एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। हाशमी ने नगर निगम के दफ़्तर जाकर नए नक़्शे को मंज़ूरी दिलवाकर निर्माण लीगल करवाने की बात कही है। इस पर देवभूमि संघर्ष समिति ने हाशमी पर पलटवार किया है। देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण और एडवोकेट जगत पॉल ने कहा कि नजाकत अली हाशमी का इस पूरे मामले से कोई लेना-देना नहीं है। वह न तो इस मामले में पार्टी है और न ही प्रतिवादी है।
ऐसे में उसका प्रेसवार्ता में झूठ कहना जनता को बरगलाने जैसा है। देवभूमि संघर्ष समिति ने नजाकत अली हाशमी को भी जिहादी मानसिकता वाला शख़्स क़रार दिया। समिति ने कहा कि हाशमी ख़ुद बालूगंज मस्जिद पर कब्जा करके बैठा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद वक्फ बोर्ड ख़ाली नहीं करवा सका। देवभूमि संघर्ष समिति ने कहा कि वे अदालत का सम्मान करते हैं। वे अदालत के फैसले पर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं , लेकिन इस पूरे मामले में केस का बैकग्राउंड बताना जरूरी है।
हिमाचल प्रदेश नगर निगम एक्ट के मुताबिक किसी भी पुराने स्ट्रक्चर को तोड़ने या नया स्ट्रक्चर बनाने के लिए अनुमति लेना जरूरी है। क़ानून में किसी के लिए न तो कोई छूट है और न ही विशेष प्रावधान है। ऐसे में बिना अनुमति के पहले स्ट्रक्चर को तोड़ा गया और नोटिस मिलने के बावजूद पांच मंजिला इमारत खड़ी कर दी गई। यह पूरी तरह नियमों के खिलाफ है। देवभूमि संघर्ष समिति को उम्मीद है कि पहले भी फैसला अवैध निर्माण के ख़िलाफ़ आया और आने वाले वक़्त में भी ऐसा ही होगा, क्योंकि निर्माण कार्य में नियमों को पूरी तरह ताक पर रखा गया।