यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 07-12-2024
मंडी से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय को कांग्रेस सरकार सिर्फ इसके नाम की वजह से बंद करना चाहती है। कांग्रेस को नेहरू गांधी परिवार के ही नाम से मतलब है। जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है तब से सिर्फ और सिर्फ एसपीयू को हर हाल में बंद करने के कुत्सित प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री को यह पता होना चाहिए कि जब कोई नया संस्थान खोला जाता है तो उसके विकास के लिए सरकार द्वारा विशेष प्रयास किए जाते हैं। जिससे वो संस्थान अपने लक्ष्यों को प्राप्ति कर सके। लेकिन सुक्खू सरकार इसके विपरीत काम कर रही है। ये कांग्रेस के विकास विरोधी सोच के साथ-साथ प्रदेश के युवाओं के साथ भी धोखा है। प्रदेश में विश्वविद्यालय जैसा इन्फ्रास्ट्रक्चर बहुत बड़ी बात है।
दुनिया की सरकारे और उसके मुखिया चाहते हैं कि उनका नाम निर्माण करने, नए संस्थान खोलने नया इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए जाना जाए। लेकिन हिमाचल प्रदेश में इकलौती सरकार है जिसके मुखिया चाहते हैं कि उनका नाम संस्थानों को बंद करने के लिए, बने बनाए इंफ्रास्ट्रक्चर को बर्बाद करने के लिए याद किया जाए। जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार ने मंडी विश्वविद्यालय के लिए केंद्र सरकार के बजट से बनाए गए भवन को भी निजी विद्यालय को दे दिया। जबकि उस भवन में विश्वविद्यालय का परीक्षा से जुड़े कामकाज संचालित हो रहे थे। सरकार द्वारा यह भी दुर्भावना के तहत किया गया कार्य है। भवन छीनने के बाद सरकार ने मंडी विश्वविद्यालय के पीएम उषा ( प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान ) के तहत आवंटित की गई ग्रांट को भी डायवर्ट कर दी।
बिना तय मानकों का पालन किए ग्रांट को डाइवर्ट करना दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है। खबरों के अनुसार जिस ग्रांट को डायवर्ट किया गया है उस ग्रांट से विभिन्न आवश्यक सामान को खरीदने के लिए टेंडर भी हो चुका है। ऐसे में सरकार द्वारा तानाशाही पूर्ण तरीके से ग्रांट डाइवर्ट करने मंडी विश्वविद्यालय के साथ सौतेला व्यवहार करना है। सरकार को अपने इस हथकंडों से बाज आना होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि अगर आप से एक नई विश्वविद्यालय नहीं बनाई जा सकती है तो एक विश्वविद्यालय बंद करने वाले मुख्यमंत्री न बने। उन्होंने कहा कि मंडी विश्वविद्यालय को लेकर सरकार की साजिशें कामयाब नहीं होंगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा की सत्ता में आते ही सुक्खू सरकार ने सबसे पहले सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के दायरे को छोटा करने का प्रयास किया।
अपने स्थापना के समय जहाँ मंडी विश्वविद्यालय में प्रदेश के पांच जिलों मंडी, कांगड़ा, चंबा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति के कुल 146 कॉलेज संबद्ध थे। उसमें से कांगड़ा, चंबा के साथ-साथ आनी और निरमंड के के इलाकों के कॉलेज को छीन लिया गया। अब एसपीयू से मात्र 46 कॉलेज संबद्ध हैं। सरकार प्रतिशोध की राजनीति में कांगड़ा और चंबा के छात्रों और उनके अभिभावकों की समस्याओं को भी अनदेखा कर दिया। सरकार सुख की सरकार के नाम पर प्रदेश के लोगों को दुख देने से बाज आये और सृजनात्मक राजनीति को बढ़ावा दे।