सामाजिक न्याय के योद्धा हैं बाबा साहब,कांग्रेस ने सदा बाबा साहेब का किया अपमान : जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बाबा साहेब की जयंती पर शिमला के चौड़ा मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर बाबा साहेब आंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 14-04-2025
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बाबा साहेब की जयंती पर शिमला के चौड़ा मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर बाबा साहेब आंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और स्वास्थ्य एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनीराम सांडिल भी उनके साथ उपस्थित रहे।
मीडिया से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि बाबा साहब का योगदान देश की आजादी की लड़ाई के साथ–साथ आजादी के बाद देश की चुनौतियों से निपटने में भी रहा। आजादी के बाद भारत को एक लोकतांत्रिक देश बनाने के साथ-साथ एक सर्वाग्रही, सर्व समावेशी, सर्वहितकारी विधान बनाने का दायित्व भी मिला।
संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने यह दायित्व पूरी निष्ठा के साथ पूरा किया। जयराम ठाकुर ने कहा कि बाबा साहेब का जीवन सामाजिक न्याय और समानता के हितों की रक्षा करते और शोषण के विरुद्ध लड़ते हुए बीता। बाबासाहेब आधुनिक भारत के सामाजिक न्याय के पुरोधा थे। देश के वंचित- शोषित समुदाय के हकों के लिए उन्होंने पूरी जिंदगी संघर्ष किया, आवाज उठाई और लोगों को उनका हक दिला कर रहे।
बाबा साहेब के दिखाए गए रास्ते ही शोषण मुक्त, समानता और समरसता युक्त आदर्श समाज का निर्माण कर सकते हैं। उनका जीवन दर्शन और शिक्षाएं हमेशा लोगों का पथ प्रदर्शन करता रहेगा। एक बेहद सामान्य परिवार से उठकर देश दुनिया की उच्चतर शिक्षा हासिल करना और अपनी सारी ऊर्जा वंचितों के हक की लड़ाई में लगाना किसी महामानव का ही कार्य हो सकता है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने सदैव बाबा साहब के खिलाफ साजिशें रची। उनका अपमान किया। उनकी क्षमताओं का, उनकी शिक्षा का लाभ देश को नहीं उठाने दिया। उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर रखने और लोक सभा का उपचुनाव हराने के लिए साजिशें रची। 1952 के लोक सभा उपचुनाव में 74333 मतों को अमान्य करवाकर कांग्रेस ने पहली बार जनादेश की लूट का प्रयास किया।
1937 के बॉम्बे प्रेसीडेंसी विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने डॉ. आंबेडकर को हराने के प्रयास में प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी बालू पालवंकर को उनके खिलाफ मैदान में उतारा। हालांकि बालू पालवंकर चुनाव हार गए, लेकिन इस प्रयास ने कांग्रेस की डॉ. आंबेडकर के विरोध की भावना को बेनकाब कर दिया। इसी प्रकार कांग्रेस के बंबई प्रीमियर, बी.जी. खरे ने यह सुनिश्चित किया कि डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा में चुना न जाए।
योगेन्द्रनाथ मंडल की वजह से बाबा साहेब बंगाल से संविधान सभा के चुनाव में चुने गए। डॉ. अंबेडकर को जिन क्षेत्रों ने वोट दिया था, जैसे कि बारिसाल, जेसोर-खुलना और फरीदपुर- वे मुस्लिम बहुल क्षेत्र न होने के बावजूद कांग्रेस ने उन्हें पाकिस्तान जाने की अनुमति दे दी। जिससे बाबासाहेब एक बार फिर संविधान सभा से बाहर हो गए।
हिंदू महासभा के नेता और नेहरू के मुखर आलोचक, श्री एम. आर. जयकर ने पुणे से अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया ताकि डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा के लिए चुना जा सके।कांग्रेस को बाबा साहेब के साथ किए गए कृत्य के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।
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