अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने धूमधाम से मनाई भगवान दत्तात्रेय की जयंती  

जूना अखाड़ा के संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, जूना अखाड़ा के वरिष्ठ अध्यक्ष श्री महंत प्रेम गिरी महाराज एवं अध्यक्ष श्री महंत मोहन भारती के निर्देश पर गुरुवार को देशभर में स्थित जूना अखाड़े के सभी मठ ,मंदिरों, प्रमुख आश्रमों में भगवान दत्तात्रेय की जयंती धूमधाम व श्रद्धा भाव से मनाई गई। जूना अखाड़ा हरिद्वार में वरिष्ठ सभापति

Dec 5, 2025 - 20:36
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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने धूमधाम से मनाई भगवान दत्तात्रेय की जयंती  
सन्नी वर्मा - हरिद्वार  05-12-2025

जूना अखाड़ा के संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, जूना अखाड़ा के वरिष्ठ अध्यक्ष श्री महंत प्रेम गिरी महाराज एवं अध्यक्ष श्री महंत मोहन भारती के निर्देश पर गुरुवार को देशभर में स्थित जूना अखाड़े के सभी मठ ,मंदिरों, प्रमुख आश्रमों में भगवान दत्तात्रेय की जयंती धूमधाम व श्रद्धा भाव से मनाई गई। जूना अखाड़ा हरिद्वार में वरिष्ठ सभापति श्री महंत प्रेम गिरि महाराज, महामंत्री श्री महंत महेश पुरी महाराज श्री महंत आदित्य गिरी ,कोठारी, भीष्म गिरी ,महंत अमृत पुरी,महंत रणधीर गिरी आदि के संयोजन  में भगवान दत्तात्रेय की जयंती पर विशेष पूजा-अर्चना की गई और भोग लगाया गया। 
श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्री महंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि सभी स्थानों पर भगवान दत्तात्रेय के चरणों में नमन करते हुए भक्तों पर सदैव कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की गई। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि ज्ञानियों के ज्ञानी , गुरुओं के गुरु भगवान दत्तात्रेय साक्षात त्रिदेव — ब्रह्मा, विष्णु व महेश का ही स्वरूप हैं।   भगवान दत्तात्रेय के त्रिदेव स्वरूप के कारण ही उनकी पूजा-अर्चना विभिन्न स्थानों पर विविध विधियों से की जाती है। उनकी पूजा में जहां बेलपत्र चढ़ाया जाता है, वहीं तुलसी पत्र का भी विशेष महत्व माना गया है। उन्होंने कहा भारत के प्रमुख दत्तात्रेय तीर्थ स्थल भगवान दत्तात्रेय का जन्मस्थान माना जाता है, आबू पर्वत (गुरु शिखर, राजस्थान)  यहां भगवान दत्तात्रेय के पावन पदचिह्नों की पूजा होती है।
  गिरनार पर्वत (जूनागढ़, गुजरात)  लगभग 10,000 सीढ़ियां चढ़कर दत्तात्रेय मंदिर तक पहुंचा जाता है यहीं भगवान दत्तात्रेय ने तपस्या की थी और यहां उनकी चरण पादुकाएँ विराजमान हैं। उत्तराखंड में अनसूया मंडल तीर्थ में दत्तात्रेय, महर्षि अत्रि और देवी अनुसूया पर्वत रूप में पूजनीय हैं।  उन्होंने कहा महाराष्ट्र में भगवान को ज्वार-बाजरे, गिरनार में हलवा तथा जूना अखाड़े में चूरमा का भोग लगाया जाता है। इन सभी तीर्थ स्थान पर भगवान दत्तात्रेय का साक्षात निवास माना जाता है।

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