ऊना में मछली पालन की आपार संभावनाएं, रेशमा देवी ने मछली पालन से कमाएं 10 लाख रूपये
किसानों की आय को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पशु पालन के साथ-साथ मत्स्य पालन को बढ़ाना देने के लिए विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है ताकि मछली पालन व्यवसाय से किसानों/मत्स्य पालकों को आर्थिक लाभ मिल सके
गतवर्ष एक हज़ार वर्ग मीटर बायोफ्लॉक से किया 7 टन मछली का उत्पादन
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 23-11-2023
किसानों की आय को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पशु पालन के साथ-साथ मत्स्य पालन को बढ़ाना देने के लिए विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है ताकि मछली पालन व्यवसाय से किसानों/मत्स्य पालकों को आर्थिक लाभ मिल सके। जिला ऊना में मछली पालन व्यवसाय की आपार संभावनाएं है जिसे जिला के लोगों के लिए मछली पालन का व्यवसाय काफी लाभकारी सिद्ध हो रहा है।
खेती करने वाले किसान भी मत्स्य पालन व्यवसाय को अपनाकर अपनी आर्थिक को सुदृढ़ करके आत्मनिर्भर बन रहे है। जिला ऊना के बंगाणा ब्लॉक के गांव चौकी मन्यिार की रेशमा देवी ने मछली पालन व्यवसाय को अपनाकर अपने और अपने परिवार के स्वरोजगार के साधन सृजित किए।
रेशमा देवी ने बताती हैं कि वह परिवार का पालन पोषण करने के लिए सिलाई का काम और पति खेतीबाड़ी का काम करते थे। उन्होंन कहा कि सिलाई और खेतीबाड़ी के कार्य से घर का खर्च चलाना मुश्किल होता था। उन्होंने परिवारिक आय को बढ़ाने के लिए कुछ नया करने के बारे में सोचा।
गांव में उनके पास पर्याप्त मात्रा में जमीन होने के चलते उन्होंने मछली पालन व्यवसाय को शुरू करने का मन बनाया जिसके लिए उन्होंने मत्स्य विभाग के अधिकारियों के साथ सम्पर्क किया। रेशमा देवी ने बताया कि मत्स्य विभाग के अधिकारियांे ने उन्हें मछली पालन व्यवसाय के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी तथा बताया कि सरकार द्वारा भी मछली पालन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
रेशमा देवी वर्ष ने वर्ष 2018-19 में 600 वर्ग मीटर के छोटे यूनिट में मछली पालन का कार्य आरंभ किया। इस यूनिट से मछली का अच्छा उत्पादन हुआ। इसी को मध्यनज़र रखते हुए उन्होंने वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत एक हज़ार वर्ग मीटर में बायोफ्लॉक(तालाब) बनाने के लिए आवेदन किया। एक हज़ार वर्ग मीटर वाले बायोफ्लॉक(तालाब) की कुल लागत 14 लाख रूपये थी।
इस बायोफ्लॉक को तैयार करने के लिए रेशमा देवी को विभाग की ओर से 60 प्रतिशत यानि 8.40 लाख रूपये की राशि उपदान के रूप में मिली तथा शेष 40 प्रतिशत राशि खुद व्यय की। रेशमा देवी ने बताया कि इस व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए उनके पति उनका पूरा सहयोग कर रहे हैं।
विवेक शर्मा ने बताया कि वर्तमान में जिला ऊना से 315 किसान मछली पालन व्यवसाय से जुड़कर अच्छा लाभ लेने के साथ-साथ खेतों से भी अच्छी पैदावार प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिला में लगभग 6 हैक्टेयर भूमि पर नए मत्स्य पालन के लिए नए तालाबों का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया यदि किसान कच्च तालाब का निर्माण करना चाहता है तो वह मत्स्य विभाग के मंडल कार्यालयों में आवेदन करके सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकता है। उन्होंने बताया कि दियोली में मत्स्य फीड मील भी स्थापित की जा रही है जोकि मत्स्य पालकों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगी।
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