आपदा लील गई 144 जिंदगियां , 47 अभी भी लापता , 655 करोड़ के नुकसान का अनुमान : ओंकार शर्मा 

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी कल्लू और शिमला में तीन जगहों पर बादल फटने से भयंकर तबाही हुई है। सभी प्रभावित इलाकों में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।  सभी जगह से अब तक 6 शव बरामद किए गए हैं , वहीं 47 लोग अभी भी लापता है। रामपुर के समेज में सबसे बड़ा हादसा पेश आया जहां लगभग पूरा गांव बह गया है। यहां 301 जवान रेस्क्यू में जुटे हैं मगर अभी भी 33 लोग लापता है और 1 भी व्यक्ति का रेस्क्यू नहीं हो पाया है। इन हादसों में 60 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं साथ ही दर्जनों पशु शेड, दुकानें और स्कूल भी ध्वस्त हो गए

Aug 3, 2024 - 17:28
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आपदा लील गई 144 जिंदगियां , 47 अभी भी लापता , 655 करोड़ के नुकसान का अनुमान : ओंकार शर्मा 


यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  03-08-2024


हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी कल्लू और शिमला में तीन जगहों पर बादल फटने से भयंकर तबाही हुई है। सभी प्रभावित इलाकों में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।  सभी जगह से अब तक 6 शव बरामद किए गए हैं , वहीं 47 लोग अभी भी लापता है। रामपुर के समेज में सबसे बड़ा हादसा पेश आया जहां लगभग पूरा गांव बह गया है। यहां 301 जवान रेस्क्यू में जुटे हैं मगर अभी भी 33 लोग लापता है और 1 भी व्यक्ति का रेस्क्यू नहीं हो पाया है। इन हादसों में 60 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं साथ ही दर्जनों पशु शेड, दुकानें और स्कूल भी ध्वस्त हो गए हैं। 

राज्य आपदा प्रबंधन के सदस्य सचिव ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि 31 जुलाई की रात हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी शिमला और कुल्लू में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है। उन्होंने कहा कि निरमंड तहसील में करीब रात 2:30 बजे और समेज में सुबह 4:45 पर बादल फट गया जिसके बाद यहां पर जान और माल का नुकसान हुआ है। ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि इन हादसों में अब तक 6 शव बरामद किए गए है , जिसमें चार मंडी जिला में और दो कुल्लू जिला से प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे हादसे में 60 घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। वहीं 35 घरों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। 
इसके अलावा बादल फटने से 45 पशु शेड , 10 दुकानें , 4 स्कूल और एक स्वास्थ्य केंद्र भी तबाह हो गया है। ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान शिमला जिला में रामपुर के समेज में हुआ है। यहां एक ही परिवार के 16 लोग बह गए अभी तक 33 लोग लापता है। ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि यहां पर एनडीआरएफ , एसडीआरएफ , सीआईएसएफ , होमगार्ड के लगभग 300 जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि हादसे के स्थान से लेकर आगे बैराज तक लोगों को  ढूंढने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. मगर अभी तक एक भी व्यक्ति का सुराग नहीं मिला है। 
ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि मानसून में अब तक 144 मौतें रिकॉर्ड की गई हैं। जिसमें से 77 मौतें केवल बरसाती हादसों की वजह से हुई हैं। उन्होंने बताया कि अब तक मानसून में 655 करोड़ का अनुमानित नुकसान प्रदेश को हुआ है। ओंकार शर्मा ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है। समेज में सबसे ज्यादा टीम डिपोट की गई है। इसमें एनडीआरएफ , एसडीआरएफ , सीआईएसएफ  , होमगार्ड की जवान और स्थानीय प्रशासन रिसर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा हुआ है। 

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