बिना भूमि अधिग्रहण कानून के कोई भी नहीं ले सकता किसी की निजी जमीन : हाईकोर्ट
हिमाचल हाईकोर्ट ने संपत्ति के अधिकार को महत्वपूर्ण सांविधानिक अधिकार बताते हुए कहा है कि जबरन और बिना भूमि अधिग्रहण कानून के कोई भी किसी की निजी जमीन नहीं ले सकता। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने एक मामले में स्पष्ट किया
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 24-12-2025
हिमाचल हाईकोर्ट ने संपत्ति के अधिकार को महत्वपूर्ण सांविधानिक अधिकार बताते हुए कहा है कि जबरन और बिना भूमि अधिग्रहण कानून के कोई भी किसी की निजी जमीन नहीं ले सकता। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने एक मामले में स्पष्ट किया कि कोई भी प्रोजेक्ट प्रमोटर किसी व्यक्ति को उसकी जमीन बेचने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।
अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 300-ए का हवाला देते हुए कहा कि संपत्ति का अधिकार एक सांविधानिक अधिकार है। कोर्ट ने जबरन बिक्री पर रोक लगाते हुए कहा कि यदि किसी याचिकाकर्ता ने अभी तक अपनी जमीन बेचने के लिए सहमति नहीं दी है तो उसे जबरन बिक्री के लिए मजबूर नहीं कर सकते। यदि प्रोजेक्ट प्रमोटर को याचिकाकर्ताओं की भूमि की आवश्यकता है तो वह केवल दो ही तरीकों से ली जा सकती है।
पहला, मालिक की सहमति से और दूसरा, भूमि अधिग्रहण के लिए कानूनी प्रक्रिया को अपनाकर। हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश दिया कि बिना उचित मुआवजा दिए व कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना प्रोजेक्ट प्रमोटर किसी की भी जमीन का उपयोग नहीं करेगा। इसे लेकर जिला हमीरपुर के पलाही गांव के याचिकाकर्ता अजीत सिंह राणा और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका में आरोप लगाया था कि संबंधित प्रोजेक्ट प्रमोटर (एसजेवीएन) उनकी भूमि का उपयोग करना चाहता है, लेकिन उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्हें उन दरों पर सेल डीड करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो उन्हें स्वीकार्य नहीं हैं।
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