भारत में ट्राइबल आइडेंटिटी के इश्यूज और चैलेंजेस पर अंतराष्ट्रीय सम्मेलन किलाड़ में 

राजकीय महाविद्यालय किलाड़ में भारत में ट्राइबल आइडेंटिटी के इश्यूज, चैलेंजेस व रोड़ अहैड नामक" विषय पर आधारित तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन के अंतिम दिन आवासीय आयुक्त रितिका जिंदल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। सम्मेलन 1 व 2 अक्टूबर को ऑनलाइन माध्यम से तथा 4 अक्टूबर को ऑफलाइन माध्यम से आयोजित किया गया

Oct 4, 2023 - 19:16
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भारत में ट्राइबल आइडेंटिटी के इश्यूज और चैलेंजेस पर अंतराष्ट्रीय सम्मेलन किलाड़ में 
यंगवार्ता न्यूज़ - चंबा  04-10-2023

राजकीय महाविद्यालय किलाड़ में भारत में ट्राइबल आइडेंटिटी के इश्यूज, चैलेंजेस व रोड़ अहैड नामक" विषय पर आधारित तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन के अंतिम दिन आवासीय आयुक्त रितिका जिंदल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। सम्मेलन 1 व 2 अक्टूबर को ऑनलाइन माध्यम से तथा 4 अक्टूबर को ऑफलाइन माध्यम से आयोजित किया गया। इस दौरान आवासीय आयुक्त पांगी रितिका जिंदल ने ट्राइबल आइडेंटिटी, के इशू ,चैलेंजेस व रोड़ अहेड नामक विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के सफल आयोजन पर कार्यकारी प्रधानाचार्य डॉ. प्रोमिला ठाकुर व शोधार्थियों को शुभकामनाएं दी। 
उन्होंने छात्रों को आत्म विकास के साथ साथ अपनी संस्कृति को भी संजोए रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समाज के प्रति नए सिरे से विचार विमर्श करने पर बल देना था। सम्मेलन में विभिन्न शोध पत्रों के माध्यम से जनजातीय समाज, संस्कृति तथा जनजातीय समाज की पहचान को बनाए रखने पर जोर देने की बात की गई। सम्मेलन के समन्वयक महाविद्यालय पांगी की कार्यकारी प्राचार्या डॉ. प्रोमिला ठाकुर ने बताया कि इस सम्मेलन में ऑनलाइन माध्यम से लगभग 120 के करीब शिक्षाविदों, चिंतकों, शोधार्थियों ने भाग लिया तथा अपने शोध पत्रों को प्रस्तुत किया। 
उन्होंने बताया कि 4 अक्टूबर को ऑफलाइन माध्यम से 20 के लगभग शिक्षाविदों, चिंतकों शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र पढ़े व जनजातीय समाज व क्षेत्र की घरी जानकारी साझा की।डॉ प्रोमिला ने बताया की ये अपने तरह की पहली अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन महाविद्यालय में आयोजित की गई है। इससे पूर्व आवासीय आयुक्त ने पांगी द डिफरेंट वर्ल्ड पुस्तक का भी विमोचन किया। पुस्तक डॉ बिपिन चंद्र राठौर , सुरेंद्र सिंह और डॉ. प्रोमिला देवी द्वारा लिखी गयी है, यह पुस्तक घाटी की भौगोलिक विशेषता पर आधारित है। 
सम्मेलन में एसडीएम पांगी रमन घरसंघी, प्रो. विपिन चंद राठौर, प्रो. राकेश राठौर, प्रो. मीना चौधरी, सहायक आचार्य राजकुमार, तुलसी राम, नरेश कुमार , हेमेंद्र सिंह, जितेंद्र केशव , ब्यासो राम , कुलदीप राज, विजय राठौर, भूमेश, दूनी चंद व महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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