मंदिरों में पैसे देकर वीआईपी दर्शन का फैसला लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ : बिक्रम ठाकुर
देवभूमि हिमाचल में मंदिरों में वीआईपी दर्शन करने के लिए अब 1100 रुपए चुकाने होंगे, यह देव आस्था के साथ भक्तों के साथ किया जाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। चिंतपूर्ण मंदिर में पैसे देकर वीआईपी दर्शन के फैसले पर भाजपा भडक़ गईदेवभूमि हिमाचल में मंदिरों में वीआईपी दर्शन करने के लिए अब 1100 रुपए चुकाने होंगे, यह देव आस्था के साथ भक्तों के साथ किया जाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। चिंतपूर्ण मंदिर में पैसे देकर वीआईपी दर्शन के फैसले पर भाजपा भडक़ गईदेवभूमि हिमाचल में मंदिरों में वीआईपी दर्शन करने के लिए अब 1100 रुपए चुकाने होंगे, यह देव आस्था के साथ भक्तों के साथ किया जाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। चिंतपूर्ण मंदिर में पैसे देकर वीआईपी दर्शन के फैसले पर भाजपा भडक़ गईदेवभूमि हिमाचल में मंदिरों में वीआईपी दर्शन करने के लिए अब 1100 रुपए चुकाने होंगे, यह देव आस्था के साथ भक्तों के साथ किया जाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। चिंतपूर्ण मंदिर में पैसे देकर वीआईपी दर्शन के फैसले पर भाजपा भडक़ गईदेवभूमि हिमाचल में मंदिरों में वीआईपी दर्शन करने के लिए अब 1100 रुपए चुकाने होंगे, यह देव आस्था के साथ भक्तों के साथ किया जाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। चिंतपूर्ण मंदिर में पैसे देकर वीआईपी दर्शन के फैसले पर भाजपा भडक़ गईदेवभूमि हिमाचल में मंदिरों में वीआईपी दर्शन करने के लिए अब 1100 रुपए चुकाने होंगे, यह देव आस्था के साथ भक्तों के साथ किया जाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। चिंतपूर्ण मंदिर में पैसे देकर वीआईपी दर्शन के फैसले पर भाजपा भडक़ गई
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 10-08-2023
देवभूमि हिमाचल में मंदिरों में वीआईपी दर्शन करने के लिए अब 1100 रुपए चुकाने होंगे, यह देव आस्था के साथ भक्तों के साथ किया जाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। चिंतपूर्ण मंदिर में पैसे देकर वीआईपी दर्शन के फैसले पर भाजपा भडक़ गई है। भाजपा विधायक व पूर्व सरकार में मंत्री रहे बिक्रम ठाकुर का कहना है कि सरकार आपदा में अवसर ढूंढ रही है।
सरकार के इस निर्णय का भाजपा पूरी तरह से विरोध करती है। उन्होंने सरकार से तुरंत इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से मेरा प्रश्न है कि यह कौन सा व्यवस्था परिवर्तन है, जहां लोगों को मंदिर के दर्शन करने के लिए भी शुल्क चुकाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने वीआईपी कल्चर को खत्म किया है, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार मंदिरों में भी वीआईपी कल्चर को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने 10 गारंटियों को पूरा करने के लिए मंदिर शुल्क के माध्यम से पैसा एकत्रित करने का प्रयास प्रदेश सरकार द्वारा हो रहा है। मंदिरों में दर्शन के लिए शुल्क लगाया जाना लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ है।
भारतीय जनता पार्टी इस बात का विरोध करती है। उन्होंने सरकार को चेताया कि यदि अपनी सरकार चलाने व सीपीएस का खर्चा जुटाने के लिए इस तरह के तुगलकी फरमान सरकार द्वारा जारी किए जा रहे हैं, तो उन्हें मेरा सुझाव है कि अन्य कोई साधन खोजे। देवभूमि में लोगों की आस्थाओं के साथ न खेले।
धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में जिला प्रशासन द्वारा लिफ्ट को पेड करने के बाद बुधवार शाम पांच बजे तक 13 श्रद्धालुओं ने 1100 रुपए खर्च कर माता रानी के दर्शन किए। मंदिर प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के बाकायदा पास बनवाए और लिफ्ट के माध्यम से इन श्रद्धालुओं को वीआईपी दर्शन करवाए।
इसके अलावा 90 सीनियर सिटीजन ने 50 रुपए अदा कर माता रानी के दर्शनों का सौभाग्य पाया। मंदिर अधिकारी अजय मंडयाल ने बताया कि 13 श्रद्धालुओं व 90 सीनियर सिटीजन ने वीआईपी पास बनवाकर माता रानी के दर्शन किए हैं।
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