मिड-डे मील वर्कर सरकारी कर्मचारी नहीं, हाईकोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर

मिड-डे मील कर्मचारियों की स्थिति को स्पष्ट करने वाले हिमाचल हाईकोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। हिमाचल हाईकोर्ट ने निर्णय सुनाया था कि मिड- डे मील वर्कर सरकारी कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते

Sep 13, 2023 - 13:23
 0  48
मिड-डे मील वर्कर सरकारी कर्मचारी नहीं, हाईकोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     13-09-2023

मिड-डे मील कर्मचारियों की स्थिति को स्पष्ट करने वाले हिमाचल हाईकोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। हिमाचल हाईकोर्ट ने निर्णय सुनाया था कि मिड- डे मील वर्कर सरकारी कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते हैं। 

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने प्रेम सिंह की याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने के साफ इंकार किया है।12 नवंबर 2018 को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के निर्णय को निरस्त करते हुए कहा था कि मिड-डे मील कर्मचारी सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। 

अदालत ने स्पष्ट किया था कि केंद्र या राज्य सरकार की किसी स्कीम में नियुक्त कर्मचारी सरकारी कर्मचारी की परिभाषा में नहीं आते हैं। हाईकोर्ट की एकलपीठ के समक्ष अंशकालिक जल वाहक की नियुक्ति को चुनौती दी गई थी।

दलील दी गई थी कि नियुक्ति किए गए उम्मीवार की माता मिड-डे मील वर्कर है। इस कारण अंशकालिक जल वाहक पद के लिए उम्मीदवार को सरकारी कर्मचारी के परिवार से संबंध रखने पर पांच अंक नहीं दिए जा सकते थे। 

एकलपीठ ने प्रतिवादी गौरव ठाकुर की नियुक्ति को रद्द करते हुए निर्णय सुनाया था कि मिड डे मील वर्कर सरकारी कर्मचारी है।अंशकालिक जलवाहक पद को भरने के लिए जारी विज्ञापन में वह पांच अंक प्राप्त करने का हकदार नहीं है। 

गौरव ठाकुर ने इस निर्णय को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी थी। खंडपीठ ने एकलपीठ के निर्णय को निरस्त करते हुए मिड डे मील वर्कर को सरकारी कर्मचारी नहीं माना था। इस निर्णय को प्रेम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow