लंबित परीक्षा के परिणाम घोषित करने पर  ख़ामोश क्यों है सुक्खू सरकार : जयराम ठाकुर

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी बयान में कहा कि सरकार हर दिन बड़ी-बड़ी बातें करती है। लेकिन जब युवाओं को नौकरी देने की बात आती है तो ख़ामोश हो जाती है। डेढ़ साल से ज़्यादा समय होने के बाद भी सरकार ने पहले से लंबित पड़े परीक्षा परिणाम अभी तक घोषित नहीं किए। युवाओं को नौकरी देने के मामले में सरकार ख़ामोश हो जाती हैं

Jul 20, 2024 - 19:24
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लंबित परीक्षा के परिणाम घोषित करने पर  ख़ामोश क्यों है सुक्खू सरकार : जयराम ठाकुर
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  20-07-2024
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी बयान में कहा कि सरकार हर दिन बड़ी-बड़ी बातें करती है। लेकिन जब युवाओं को नौकरी देने की बात आती है तो ख़ामोश हो जाती है। डेढ़ साल से ज़्यादा समय होने के बाद भी सरकार ने पहले से लंबित पड़े परीक्षा परिणाम अभी तक घोषित नहीं किए। युवाओं को नौकरी देने के मामले में सरकार ख़ामोश हो जाती हैं। जबकि चहेतों को एडजस्ट करने में पूरी तत्परता से काम करती है। सरकार युवाओं को नौकरी देने में भी वही तत्परता दिखाए जो अपने चहेतों को एडजस्ट करने में दिखाती है। 
सरकार की इसी सुस्ती और नौकरी न देने की नीयत से त्रस्त युवा आज सड़कों पर हैं। सरकार डेढ़ साल एल्स एक हफ्ते , दो हफ्ते , चार हफ़्ते का समय मांग कर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। अब सरकार के पास और समय मांगने और पूरे मामले को लटकाने का कोई कारण नहीं रह गया है। इसलिए सरकार बिना देरी किए लंबित प्रतियोगी परीक्षाओं के अंतिम रिजल्ट जारी करे। जयराम ठाकुर ने कहा कि जब चहेतों को एडजस्ट करना होता है तो एक दिन में दो-दो बार भी कैबिनेट की बैठक हो जाती है। 
जबकि रिजल्ट घोषित करने की मांग को लेकर प्रदेश के युवा महीनों से सड़कों पर हैं। सरकार को प्रदेश के युवाओं को स्पष्ट रूप से बताएं कि नई भर्तियां कब निकलेगी और लंबित पड़ी भर्तियों के परिणाम कब तक जारी होंगे। हमेशा झूठी बयानबाजी से काम नहीं चलेगा। सरकार अपना एक तिहाई कार्यकाल झूठ बोलकर निकाल चुकी है। युवाओं का सब्र सब्र टूट रहा है। इसलिए अब बहानेबाजी के बजाय सरकार ठोस रास्ता निकाले और नियुक्तियां करे। 
नेता प्रतिपक्ष ने वेटनरी फार्मासिस्टों के नियुक्ति रद्द करने के लिए जारी अधिसूचना पर सवाल उठाते हुए कहा कि साल भर के इंतज़ार के बाद जारी नियुक्ति पत्र क्यों वापस लिया गया। इतना समय लेने के बाद भी क्या त्रुटि रह गई थी कि 24 घंटे के भीतर नियुक्ति का आदेश रद्द करने के लिए अधिसूचना जारी करनी पड़ी। सरकार को इसका कारण प्रदेश के लोगों को बताना चाहिए।

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