बजट घोषणाएं लागू करने के लिए राज्य सरकार को लेनी होगी चुनाव आयोग की मंजूरी  

बजट घोषणाएं लागू करने के लिए राज्य सरकार को चुनाव आयोग की मंजूरी लेनी होगी। आदर्श चुनाव आचार संहिता के कारण सरकार की बजट घोषणाएं फिलहाल लटक गई

Apr 2, 2024 - 13:50
 0  40
बजट घोषणाएं लागू करने के लिए राज्य सरकार को लेनी होगी चुनाव आयोग की मंजूरी  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    02-04-2024

बजट घोषणाएं लागू करने के लिए राज्य सरकार को चुनाव आयोग की मंजूरी लेनी होगी। आदर्श चुनाव आचार संहिता के कारण सरकार की बजट घोषणाएं फिलहाल लटक गई हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने बजट में कई अहम घोषणाएं की हैं। 

आयोग की मंजूरी नहीं मिली तो आचार संहिता खत्म होने के बाद ही इन्हें लागू किया जाए सकेगा। सरकार ने बजट में अस्थायी कर्मचारियाें और कामगारों का मानदेय बढ़ाने का एलान किया था। 

जलरक्षकों, मल्टी पर्पज वर्करों, पंचायत चौकीदार, एसएमसी, कंप्यूटर शिक्षकों आदि विभिन्न श्रेणियों के कर्मियों को इससे लाभ मिलना है। इसके अलावा कर्मचारियों की दिहाड़ी भी बढ़ाकर 400 रुपये करने की घोषणा की गई है। इसमें 25 रुपये की बढ़ोतरी प्रस्तावित है। 

कर्मचारियों को अपने सेवाकाल में दो बार ऑल इंडिया लीव ट्रैवल कंसेशन देने, नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में भी जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी, दुग्ध उत्पादन सोसायटियों से एपीएमसी की ओर से लिए जाने वाले शुल्क को खत्म करने, कर्मचारियों और पेंशनरों को चार फीसदी महंगाई भत्ता देने का फैसला भी चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद ही लागू होगा। 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा कि बजट घोषणाएं लागू करने के लिए सरकार को आवेदन करना होगा। मंजूरी मिलने के बाद ही घोषणाएं लागू हो सकेंगी। हिमाचल प्रदेश में वित्त वर्ष खत्म होने के बावजूद कई योजनाओं का बजट खर्च नहीं हो पाया है। विकेंद्रीयकृत योजना के अलावा राज्य आपदा राहत निधि और अन्य स्कीमों के लिए आवंटित बजट भी खर्च नहीं हो पाया है। 

कई क्षेत्रों में सांसद और विधायक निधि भी बिना खर्च रह गई है। विभिन्न योजनाएं आदर्श चुनाव आचार संहिता के फेर में फंस गई हैं। ऐसे में कई स्कीमों का बजट तो सरेंडर करने की नौबत आ गई है। 31 मार्च को वित्तीय वर्ष 2023-24 खत्म हो गया है। 

राज्य में इस वित्त वर्ष के खत्म होने से काफी दिन पहले आदर्श चुनाव आचार संहिता लग जाने के बाद से ही नए सिरे से बजट खर्च की प्रक्रिया रुक गई। उपायुक्तों के माध्यम से विभिन्न योजनाओं का बजट पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से व्यय किया जाना था। इनमें विकेंद्रीयकृत योजना और एसडीआरएफ जैसे कई तरह के फंड शामिल हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow