मंडी में आई प्राकृतिक आपदा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने निभाई अहम जिम्मेदारी

प्राकृतिक आपदा की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी महिला एवं बाल विकास विभाग कि सराज परियोजना के अंतर्गत कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अदम्य साहस, सेवाभाव और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए लाभार्थियों के घर-घर जाकर पोषणयुक्त राशन पहुँचाया

Jul 17, 2025 - 16:26
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मंडी में आई प्राकृतिक आपदा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने निभाई अहम जिम्मेदारी

4,782 लाभार्थियों को घर-घर पहुँचाया गया पोषणयुक्त राशन

10 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मकान आपदा में हुए क्षतिग्रस्त

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी    17-07-2025

प्राकृतिक आपदा की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी महिला एवं बाल विकास विभाग कि सराज परियोजना के अंतर्गत कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अदम्य साहस, सेवाभाव और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए लाभार्थियों के घर-घर जाकर पोषणयुक्त राशन पहुँचाया। 

विभाग द्वारा चलाया गया यह विशेष वितरण अभियान आपदा के समय राहत प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ है। सराज परियोजना के तहत कुल 221 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिनमें 97 केंद्र बालीचौकी और 124 केंद्र थुनाग उपमंडल में कार्यरत हैं। इस अभियान के अंतर्गत कुल 4,782 लाभार्थियों को पोषण सामग्री वितरित की गई। 

बालीचौकी क्षेत्र के 97 केंद्रों के माध्यम से 2,644 लाभार्थियों को और थुनाग क्षेत्र के 124 केंद्रों के माध्यम से 2,138 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। इसके अतिरिक्त संक्रमण की रोकथाम हेतु सराज परियोजना की 32 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर क्लोरीन की टेबलेट भी वितरित की गईं।

इस संबंध में ज़िला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग मंडी अजय बदरेल ने जानकारी दी कि विभाग द्वारा प्राकृतिक आपदा की गंभीर स्थिति को देखते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। उन्होंने बताया कि सभी कार्यकर्ताओं ने विषम परिस्थितियों में भी न केवल अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया, बल्कि यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक लाभार्थी तक राशन सामग्री समय पर पहुँचे।

अजय बदरेल ने जानकारी कि इस आपदा में विभाग की 10 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें आंगनवाड़ी केंद्र लाम्बशाफड़ की ममता देवी, थुनाग की सीता देवी, रोड की द्रोपदी, कुथाह की डोलमा देवी, जरोल की हिमा देवी, फंदार की तेजी देवी, बन्याड़ की लीला देवी, लोटशेगलू की ढमेश्वरी देवी, पखरैर की चनाली देवी और सुनाह की नर्वदा देवी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपना घर क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में भी अपने कर्तव्यों से विमुख न होकर पूरी निष्ठा के साथ अपनी ज़िम्मेदारी निभाई और लाभार्थियों तक राशन सामग्री पहुँचाने में सक्रिय भूमिका निभाई, जो कि अत्यंत प्रेरणादायक है। अजय बदरेल ने कहा कि विभाग इन कर्मियों के साहसिक प्रयासों और सेवाभाव की सराहना करता है तथा संकट की इस घड़ी में उनके साथ खड़ा है।

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