राजगढ़ के पालू गांव में पालू देवता का शांत महा यज्ञ संपन्न
राजगढ़ के अंतर्गत आने वाले पालू गांव में पालू देवता का शांत यज्ञ संपन्न हो गया। पालू देवता के मंदिर के ऊपर कुरूड़ स्थापना की गई और केदारनाथ और चूड़धार स्नान के बाद देवता का प्रवेश मंदिर के गर्भगृह में हुआ
यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ़ 17-07-2024
राजगढ़ के अंतर्गत आने वाले पालू गांव में पालू देवता का शांत यज्ञ संपन्न हो गया। पालू देवता के मंदिर के ऊपर कुरूड़ स्थापना की गई और केदारनाथ और चूड़धार स्नान के बाद देवता का प्रवेश मंदिर के गर्भगृह में हुआ। स्थानीय निवासी ओम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पालू माहाराज के मुख्य कारकृंदे सरेईक, मलेट, मधेईक, जस्टा व चवेट है और देवता की 1500 परिवारों की बीरत है।
इसमें देवता की पूजा के लिए पुजेरे और सरजेई भाट है। इस शांत महायज्ञ में भोजन आदि की व्यवस्थता सनेइक व मलेट की होती है। जिसमें समस्त 1500 वासी अपना सहयोग देते है | उन्होंने बताया कि पालू महाराज एक ऐसे देवता है जो रात्रि में कही विश्राम नही करते । यदि किसी कारण वश देवता का जागरण में रात्रि विश्राम होता है तो उस घर का त्याग करना पढ़ता है |
इसका जीवंत उदाहरण चायल गांव में है | उन्होंने बताया कि यह मंदिर खंडित हो चुका था और लोगो के सहयोग से इसका पुनर्निर्माण किया गया | इसके पुनर्निर्माण पर लगभग 75 लाख की राशी खर्च की गयी | उन्होंने बताया कि शांत यज्ञ से पूर्व पालू देवता की लगभग 75 लोगो की जातर केदार नाथ स्नान के लिए 6 जुलाई को निकली थी और यात्रा के दौरान दशको पूर्व बजुर्गो द्वारा बनाई गयी परम्परा का निर्वाहन किया गया |
लगभग 10 दिन की यात्रा के दौरान परम्परा अनुसार केदारनाथ के अतिरिक्त हरिद्वार आदी तीर्थो में भी स्नान करवाया गया | केदारनाथ से आने के बाद जातर चूड़धार भी गयी | इस अवसर पर हजारो श्रद्धालुओ ने देवता का आशीर्वाद लिया और भंडारे का प्रसाद भी ग्रहण किया।
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