यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर 04-07-2024
हिमाचल प्रदेश में अस्थिरता के दौर के लिए अगर कोई दोषी है तो केवल मुख्यमंत्री है , उनका नैतिक दायित्व बनता है कि वह अपने सभी विधायकों को साथ लेकर उनका काम करते जिसमें वह असमर्थ रहे, यहां तक कि वह अपने हमीरपुर के विधायकों को भी साथ नहीं रख सके। यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यहाँ आयोजित प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार विधायकों पर निराधार आरोप लगाते रहे , जिससे आहत होकर उन्होंने इस्तीफे देने का निर्णय लिया , विधायकों पर गलत मामले दर्ज किए गए , उनके कारोबार बंद कर दिए गए और वह इस प्रताड़ना को सहन नहीं कर पाए।
जयराम ने कहा कि मुख्यमंत्री को डर था कि शायद वह उप चुनाव में हार जाए इसलिए विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ने 3 महीने तक निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए । उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं तीनों उप चुनावों वाले विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया है और तीनों क्षेत्रों में जनता को सरकार के दबाव की परवाह नहीं है, लोग बढ़ चढ़कर भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। वैसे तो मुख्यमंत्री को राज्यसभा के चुनाव के बाद हार स्वीकार करते हुए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए था , पर उन्होंने नहीं दिया।
उसके बाद लोकसभा में भाजपा ने चारों सीटों पर जीत दर्ज की , मंडी भाजपा ने कांग्रेस से छीनी और 61 विधानसभा में भाजपा ने जीत हासिल की , कांग्रेस के तो 10 मंत्री भी अपने विधानसभा क्षेत्र से लीड नहीं दिल पाए और मुख्यमंत्री खुद हार गए। इसका मतलब साफ है कि वर्तमान सरकार की लोकप्रियता समाप्त हो गई है। जय राम ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हालातों के दौर से विचलित हो गए हैं। उन्होंने पूछा कि सुक्खू भाई 18 महीने में आपने क्या किया, एक योजना बता दो हम इंतजार कर रहे हैं।
भाजपा ने हमीरपुर में 300 करोड़ का मेडिकल कॉलेज दिया पर आपने अभी तक उसका स्टेट शेयर तक नहीं दिया। हमने भोरंज में आईपीएच और पीडब्ल्यूडी की डिवीजन , बड़सर से मिनी सचिवालय और फोरलेन दिए। मुख्यमंत्री जी आपने तो डिनोटिफिकेशन का दौर चला दिया जिससे आपने हमीरपुर से 2 डिग्री कॉलेज , आईपीएच डिवीजन नादौन , अटल आदर्श विद्यालय , 2 सीएससी , वेटनरी अस्पताल छीन लिया और अपने पिछले 18 महीने में कुछ नहीं किया।