आस्था के पर्व में HRTC का प्रदेश के श्रद्धालुओं को तोहफा, अब सीधी बस सुविधा से होंगे शक्तिपीठों के दर्शन

आस्था के पर्व नवरात्रों से पहले हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश की जनता को एक बड़ी सौगात दी है. हिमाचल पथ परिवहन निगम और भाषा कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से मिलकर प्रदेश के अंदर श्रद्धालुओं के लिए एक नई पहल की शुरुआत की

Oct 14, 2023 - 14:18
Oct 14, 2023 - 15:40
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आस्था के पर्व में HRTC का प्रदेश के श्रद्धालुओं को तोहफा, अब सीधी बस सुविधा से होंगे शक्तिपीठों के दर्शन

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    14-10-2023

आस्था के पर्व नवरात्रों से पहले हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश की जनता को एक बड़ी सौगात दी है. हिमाचल पथ परिवहन निगम और भाषा कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से मिलकर प्रदेश के अंदर श्रद्धालुओं के लिए एक नई पहल की शुरुआत की जा रही है. जिसमें प्रदेश के अंदर सीधी बस सुविधा से श्रद्धालुओं को शक्तिपीठों के दर्शन करवाए जाएंगे। 

शुरुआती चरण में धर्मशाला से बस की शुरुआत होगी और चिंतपूर्णी के साथ-साथ ज्वालामुखी के दर्शन लोगों को कराए जाएंगे. इसके बाद योजना का विस्तार भी होगा और अन्य मंदिरों को भी इस योजना से जोड़ा जाएगा. इस बारे में पथ परिवहन निगम के मुखिया मुकेश अग्निहोत्री ने जानकारी दी. साथ ही उन्होंने ऐतिहासिक मंदिरों की दुर्दशा के लिए पुरातत्व विभाग को कोसा। 

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल एक देवभूमि है ऐसे में हिमाचल प्रदेश के मंदिरों के लिए एक नई "दर्शन" योजना की शुरुआत की गई है. जिसमें मंदिरों के दर्शन यात्रा एचआरटीसी बस के ज़रिए करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में केवल एक दिन में दर्शन करवाने की योजना है. इसमें धर्मशाला से चिंतपूर्णी और फिर ज्वालामुखी के दर्शन करवा कर श्रद्धालुओं को वापस धर्मशाला छोड़ा जाएगा। 

उन्होंने कहा कि आगे चलकर योजना का विस्तार होगा और प्रदेश के बड़े धार्मिक स्थलों के अलावा बाहरी राज्यों के धार्मिक स्थलों के लिए भी सीधी बसों की शुरुआत की जाएगी. दो दर्जन मंदिरों को इस योजना से जोड़ने का प्लान है और इसके लिए नंबर भी जल्द जारी कर दीए जाएंगे। 

मुकेश अग्निहोत्री ने इस दौरान प्रदेश के पुरातन मंदिरों की बिगड़ती स्थिति को लेकर पुरातत्व विभाग को सचेत करने की भी बात कही. उन्होंने जिला लाहौल स्पीति के मृकुला माता मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि यह प्राचीन मंदिर बेहद भव्य है और पूरे देश के धार्मिक इतिहास को दीवारों पर उकेरे हुए हैं. लेकिन आज उसकी दशा बेहद खराब है। 

उन्होंने कहा कि ऐसे पुरातन मंदिरों के जीर्णोधार के जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग की है. लेकिन विभाग में केवल मंदिरों को दर्ज करने से हल नहीं होगा. उन्होंने कहा प्रदेश में ऐसे और भी मंदिर है जिसको लेकर वह विभाग को इस विषय पर जल्द चिट्ठी भी लिखेंगे। 

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