हिमाचल में रेलवे विस्तार पर खर्च होंगे 2,698 करोड़ , बजट पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बोले , रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव 

केंद्रीय बजट 2024-25 में रेलवे विस्तार के लिए हिमाचल प्रदेश को 2,698 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया गया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को राज्यवार बजट आवंटन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रेलवे के बजट में पहाड़ी राज्य हिमाचल को अधिमान दिया गया है। यूपीए की सरकार में जहां महज 108 करोड़ रुपये प्रदेश को मिलते थे

Jul 24, 2024 - 19:54
Jul 24, 2024 - 20:14
 0  60
हिमाचल में रेलवे विस्तार पर खर्च होंगे 2,698 करोड़ , बजट पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बोले , रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  24-07-2024

केंद्रीय बजट 2024-25 में रेलवे विस्तार के लिए हिमाचल प्रदेश को 2,698 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया गया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को राज्यवार बजट आवंटन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रेलवे के बजट में पहाड़ी राज्य हिमाचल को अधिमान दिया गया है। यूपीए की सरकार में जहां महज 108 करोड़ रुपये प्रदेश को मिलते थे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसमें करीब 25 गुना की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि भानुपल्ली-लेह योजना समेत अन्य रेल लाइनों का विस्तार सरकार की प्राथमिकता है। 
हिमालयन क्षेत्र में रेलवे विस्तार एक चुनौती है। इसको देखते हुए केंद्र सरकार यहां पर सुरक्षित रेलवे विस्तार पर ध्यान दे रही है। अमृत भारत स्टेशन योजना 2024 के अंतर्गत प्रदेश के चार रेलवे स्टेशन को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए स्तरोन्नत किया जा रहा है। इसमें ऐतिहासिक शिमला रेलवे स्टेशन के अलावा अंब-इंदौरा, बैजनाथ-पपरोला और पालमपुर रेलवे स्टेशन को शामिल किया गया है। इसके अलावा प्रदेश में 100 फीसदी रेल विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। इसमें यूनेस्को की धरोहर होने के कारण कालका-शिमला ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन को शामिल नहीं किया गया है। 
300 करोड़ रुपये का बजट चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन के लिए रखा गया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बताया कि हिमालय में निर्माण का कार्य काफी जटिल है। हिमालय के पहाड़ काफी नाजुक हैं और इसको देखते हुए यहां पर रेलवे विस्तार के दौरान टनल निर्माण के लिए पारंपरिक तकनीकी की जगह हिमालयन टनलिंग विधि ( एचटीएमल ) का प्रयोग किया जा रहा है। 
इस तकनीक के इस्तेमाल से हिमालय की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में टनल निर्माण में नई क्रांति आई है। वर्ष 2014 से अभी तक की बात करें तो प्रदेश में 24 रेल फ्लाईओवर और अंडर ब्रिज का निर्माण किया गया है। इसके अलावा नए ट्रैक निर्माण निर्माण के कुल चार प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इन पर करीब 13,168 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow