चिट्टा तस्करी के तीन आरोपियों को 4 वर्ष की कठोर कारावास के साथ 25 हजार जुर्माने की सजा 

शिमला पुलिस की एसआईयू की टीम द्वारा गश्त के दौरान एक वाहन से 30.98 ग्राम चिट्टे के साथ गिरफ्तार किए गए 3 आरोपियों को एलडी विशेष न्यायाधीश शिमला भूपेश शर्मा की अदालत ने दोषी करार देते हुए 4 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषियों को 25,000 रुपए जुर्माना भी ठोका गया है और इसे अदा न कर पाने की सूरत में दोषियों को 3 माह की अतिरिक्त साधारण कैद भुगतनी होगी

Jul 20, 2024 - 19:29
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चिट्टा तस्करी के तीन आरोपियों को 4 वर्ष की कठोर कारावास के साथ 25 हजार जुर्माने की सजा 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  20-07-2024
शिमला पुलिस की एसआईयू की टीम द्वारा गश्त के दौरान एक वाहन से 30.98 ग्राम चिट्टे के साथ गिरफ्तार किए गए 3 आरोपियों को एलडी विशेष न्यायाधीश शिमला भूपेश शर्मा की अदालत ने दोषी करार देते हुए 4 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषियों को 25,000 रुपए जुर्माना भी ठोका गया है और इसे अदा न कर पाने की सूरत में दोषियों को 3 माह की अतिरिक्त साधारण कैद भुगतनी होगी। सरकार की ओर से मामले की पैरवी जिला न्यायवादी मुक्ता कश्यप और उप जिला न्यायवादी भगवान सिंह नेगी ने की। 
गौर हो कि 22 जनवरी 2023 को एसआईयू की टीम नियमित गश्त और कानून व्यवस्था ड्यूटी पर टुटू , घणाहट्टी व सुन्नी आदि की ओर गश्त पर निकली हुई थी। रात करीब 11.50 बजे जब पुलिस पार्टी मांदरी में मौजूद थी तो धामी की ओर से एक वाहन (नंबर-एचपी.06 बी.-1203) आया। पुलिस ने इसे जांच के लिए रोका तो उसमें 3 लोग सवार थे। वाहन को सुंदर सिंह पुत्र स्व. सागर दास निवासी ग्राम रचोली डाकघर खनेरी, तहसील रामपुर चला रहा था , जबकि ओम प्रकाश पुत्र राजेंद्र कुमार निवासी गांव रचोली डाकघर खनेरी, तहसील रामपुर आगे की सीट पर बैठा था, जबकि प्रदीप पुत्र सोहन सिंह निवासी गांव कंडी डाकघर खनेरी तहसील रामपुर पिछली सीट पर बैठा हुआ था। 
पुलिस ने वाहन की तलाशी ली तो फ्रंट सीट के फुटमैट के नीचे एक प्लास्टिक की थैली , जबकि पिछली सीट के फुटमैट के नीचे दूसरी प्लास्टिक की थैली बरामद हुई , जिन्हें खोलकर देखा गया तो उनमें चिट्टा रखा हुआ था। इसका वजन किया गया तो यह 30.98 ग्राम निकला। उसके बाद पुलिस थाना सुन्नी ने एनडीपीएस एक्ट की धारा 21 व 29 के तहत मामला दर्ज कर जांच पूरी की और चालान कोर्ट में पेश किया।मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 15 गवाहों से पूछताछ की और वकीलों की दलीलें सुनने के बाद तीनों आरोपियों को एलडी विशेष न्यायाधीश शिमला भूपेश शर्मा की अदालत ने इन्हें दोषी करार दिया और धारा 21 व 29 के तहत अपराध करने पर उपरोक्त सजा सुनाई है।

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