दूसरे दिन भी डाक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर जताया आक्रोश , सरकार पर अनदेखी का आरोप 

सिविल अस्पताल जुन्गा के चिकित्सकों ने बीते कल से काले बिल्ले लगाकर मरीजों का उपचार किया तथा मांगें पूरी न होने पर सरकार के प्रति रोष व्यक्त किया है। अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि सात माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने हिमाचल प्रदेश मेडिकल एसोसिएशन की मांगों पूरा नहीं  किया गया है

Jan 19, 2024 - 18:47
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दूसरे दिन भी डाक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर जताया आक्रोश , सरकार पर अनदेखी का आरोप 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  19-01-2024
सिविल अस्पताल जुन्गा के चिकित्सकों ने बीते कल से काले बिल्ले लगाकर मरीजों का उपचार किया तथा मांगें पूरी न होने पर सरकार के प्रति रोष व्यक्त किया है। अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि सात माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने हिमाचल प्रदेश मेडिकल एसोसिएशन की मांगों पूरा नहीं  किया गया है। उन्होने बताया कि हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन की मांगों को सरकार द्वारा अनदेखा करने से चिकित्सकों के स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। उन्होंने बताया कि 3 जून, 2023 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने मांगों को लेकर बैठक की थी , लेकिन आज तक उन मांगों को पूरा नहीं किया गया, जिससे चिकित्सक संघ में रोष व्याप्त हैं। 
डॉ. मनोज ने बताया कि एसोसिएशन की मुख्य मांगों में पदोन्नति योग्यता एवं वरिष्ठता के आधार पर की जाए। इसी प्रकार  स्वास्थ्य विभाग में निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं , उप- निदेशक और खंड चिकित्सा अधिकारियों के विभिन्न पद रिक्त चल रहे हैं। इन पदों पर पदोन्नति योग्यता एवं वरिष्ठता के आधार पर करने का अनुरोध सरकार से किया गया था। संघ ने कड़े शब्दों में सेवा विस्तार की प्रक्रिया समाप्त करने की मांग की है। इनका कहना है कि सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पदोन्नति न दी जाए , जोकि प्रदेश के बेरोजगार युवा चिकित्सकों के हित में नहीं है। 
संघ ने यह भी मांग की है कि कार्यक्रम अधिकारी के पदों पर एमबीबीएस कैडर से ही चिकित्सा अधिकारियों को लगाया जाए। दंत चिकित्सा अधिकारियों के कार्यक्रम अधिकारी के रूप में अलग से पदों को स्वीकृति देने तथा एनपीए को पुनः लागू करने की मांग की है। विशेषज्ञों चिकित्सकों का वेतन घटाकर 33,660 कर दिया गया है , जबकि अधिसूचना के तहत न्यूनतम वेतन 40,392 तय हुआ था जोकि तर्कसंगत नहीं है। डाॅ0 मनोज ने बताया कि चिकित्सक विभिन्न प्रतिकूल परिस्थितियों में दूरदराज क्षेत्रों में कार्य कर रहें है और उनकी मांगें बिल्कुल जायज है जिस पर सरकार को तुरंत कार्यवाही की जानी चाहिए।

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