नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष का कठोर कारावास के साथ 50,000 रुपए जुर्माने की सजा 

विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) जिला मंडी की अदालत ने गंभीर लैंगिक उत्पीडऩ के आरोपी को पीड़िता का लैंगिक उत्पीडऩ करने का दोष सिद्ध होने पर पोक्सो एक्ट की धारा 6 के अंतर्गत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 50,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई

Sep 2, 2023 - 19:50
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नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष का कठोर कारावास के साथ 50,000 रुपए जुर्माने की सजा 
 यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  02-09-2023
विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) जिला मंडी की अदालत ने गंभीर लैंगिक उत्पीडऩ के आरोपी को पीड़िता का लैंगिक उत्पीडऩ करने का दोष सिद्ध होने पर पोक्सो एक्ट की धारा 6 के अंतर्गत 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 50,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 2 वर्ष के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भी सुनाई। दोषी को भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के अंतर्गत 7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 10,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। 
जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को एक वर्ष के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भी सुनाई। 15 मार्च, 2022 को महिला हैल्पलाइन टीम ने पीड़िता के साथ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 18 फरवरी, 2022 को पीड़िता की मां ने नेपाल से महिला हैल्पलाइन कार्यालय को दूरभाष पर कॉल किया और बताया कि उनकी बेटी (पीड़िता) 2020 में 8 साल की थी और एक स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ रही थी। कोरोना महामारी के दौरान वह नेपाल में अपने घर वापस नहीं जा सकी थी। इसलिए वह अपनी आंटी के पास लगभग एक साल तक रही। 
फरवरी, 2022 में वह नेपाल वापस चली गई जहां वह बीमार हो गई। उसकी मां उसे जांच के लिए नेपाल के स्थानीय अस्पताल ले गई। चैकअप के दौरान पीड़िता ने अपनी मां को बताया कि अपनी आंटी के घर में रहने के दौरान उसके अंकल ने उसका यौन उत्पीडऩ किया गया। जब भी घर पर कोई नहीं होता, तो पीड़िता का अंकल बार-बार उसका यौन उत्पीडऩ करता था। उसे धमकी दी जाती थी कि अगर उसने कभी इस घटना के बारे में किसी को बताया तो वह पीड़िता को मार देगा और स्कूल से भी हटा देगा। पीड़िता 11 मार्च, 2022 को नेपाल से वापस आई। 
महिला हैल्पलाइन टीम ने व्यक्तिगत रूप से घटना के बारे में विस्तार से बात की पीड़िता ने महिला हैल्पलाइन टीम को लॉकडाऊन के दौरान उसकी आंटी के घर पर हुई घटना का खुलासा किया। पीड़िता और महिला हैल्पलाइन की उक्त शिकायत के आधार पर दोषी के खिलाफ थाना जोगिंद्रनगर जिला मंडी में अभियोग दर्ज हुआ था। उक्त मामले की छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी जोगिंद्रनगर द्वारा आरोपी के खिलाफ चालान को अदालत में दायर किया था। उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 22 गवाहों के बयान कलम बंद करवाए थे। उक्त मामले में न्यायालय के समक्ष मुकदमे की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से मामले की पैरवी लोक अभियोजक चानन सिंह, नितिन शर्मा तथा नवीना राही द्वारा की गई।

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