पौष्टिकता से हैं भरपूर है रागी का चूरमा और लड्डू , कुपोषण दूर करने में रामबाण

ज्वार, बाजरा, रागी, कोदरा और कंगनी इत्यादि पारंपरिक मोटे अनाज एवं इनसे बनने वाले पकवान पौष्टिक गुणों से भरपूर होते हैं। ये अनाज हमारे बुजुर्गों के दैनिक आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होते थे और शायद इन्हीं के कारण वे कई बीमारियों से बचे रहते थे। हाल ही के दशकों के दौरान बेशक हमारे दैनिक आहार में मोटे अनाज का प्रयोग कम हो गया है, लेकिन अब इनके पौष्टिक गुणों को देखते हुए खाद्य विशेषज्ञ इन्हें भोजन में शामिल करने की सलाह दे रहे

Dec 6, 2023 - 18:41
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पौष्टिकता से हैं भरपूर है रागी का चूरमा और लड्डू , कुपोषण दूर करने में रामबाण

यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर  06-12-2023
ज्वार, बाजरा, रागी, कोदरा और कंगनी इत्यादि पारंपरिक मोटे अनाज एवं इनसे बनने वाले पकवान पौष्टिक गुणों से भरपूर होते हैं। ये अनाज हमारे बुजुर्गों के दैनिक आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होते थे और शायद इन्हीं के कारण वे कई बीमारियों से बचे रहते थे। हाल ही के दशकों के दौरान बेशक हमारे दैनिक आहार में मोटे अनाज का प्रयोग कम हो गया है, लेकिन अब इनके पौष्टिक गुणों को देखते हुए खाद्य विशेषज्ञ इन्हें भोजन में शामिल करने की सलाह दे रहे हैं। मोटे अनाज की महत्ता को देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला हमीरपुर में आजकल एक नई मुहिम आरंभ की गई है। 
मुख्यमंत्री की प्रेरणा से उपायुक्त हेमराज बैरवा की एक विशेष पहल पर जिला के आंगनवाड़ी केंद्रों में 6 माह से एक वर्ष तक के सभी बच्चों को हर हफ्ते रागी का चूरमा और एक वर्ष से 3 वर्ष तक के बच्चों को देसी घी एवं रागी के लड्डू दिए जा रहे हैं। इनके अलावा कुपोषण के शिकार 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों को भी ये लड्डू दिए जा रहे हैं। कुपोषित बच्चों को ये लड्डू हफ्ते में दो बार दिए जाएंगे।  उपायुक्त ने बताया कि एक बच्चे के लिए मां के गर्भ से लेकर जिंदगी के शुरुआती वर्ष सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। अगर इस अवधि के दौरान बच्चे का सही पोषण न हो तो वह कुपोषण का शिकार हो जाता है और कई बार गंभीर बीमारियों की चपेट में भी आ जाता है। 
हेमराज बैरवा ने बताया कि हमारे कई पारंपरिक व्यंजन और मोटे अनाज से बनने वाले व्यंजन पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। रागी के लड्डू भी इन्हीं में से एक है। इसके पौष्टिक गुणों को देखते हुए ही जिला में बच्चों को इनके वितरण की पहल की गई है। उन्होंने बताया कि लड्डू और चूरमा की सामग्री सीधे स्थानीय किसानों से प्राप्त की जा रही है तथा इन्हें तैयार करवाने में महिला स्वयं सहायता समूहों की मदद भी ली जा रही है, ताकि इस विशेष मुहिम से स्थानीय लोगों को भी आय हो सके। 
इससे जिला के किसान भी मोटे अनाज की खेती के लिए प्रेरित होंगे। उपायुक्त ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में मोटे अनाज की खेती की काफी अच्छी संभावनाएं हैं। विपरीत जलवायु परिस्थितियों में भी मोटे अनाज की खेती आसानी से की जा सकती है। उधर, गांव नारा जियाणा की मीना देवी, सोनिया शर्मा और आशु, गांव दरबोड़ की प्रवीण कुमारी और कविता देवी ने बताया कि उनके बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र में रागी के लड्डू एवं चूरमा दिया जा रहा है। आंगनवाड़ी सुपरवाइजर राजकुमारी ने बताया कि रागी के लड्डुओं और चूरमा के वितरण पर क्षेत्र की महिलाएं एवं बच्चे काफी प्रसन्न हैं।

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