सीटू के बैनर तले दैनिक भोगी कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर किया प्रदर्शन
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घन्डल शिमला से 43 दैनिक भोगी कर्मचारियों को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालने के खिलाफ सीटू के बैनर तले कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 21-01-2025
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घन्डल शिमला से 43 दैनिक भोगी कर्मचारियों को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालने के खिलाफ सीटू के बैनर तले कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
सीटू ने चेताया है कि अगर मजदूरों की बहाली तुरंत न हुई तो 27 जनवरी से आंदोलन तेज होगा। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए विजेंद्र मेहरा, बालक राम, आशा, पंकज व हेमराज ने कहा कि छात्रों को कानून की पढ़ाई करवाने वाले विधि विश्वविद्यालय में सरेआम कानून का गला घोंटा जा रहा है। मजदूरों को हायर एंड फायर नीति के तहत गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
ये कर्मचारी पिछले कई वर्षों से सफाई, सुरक्षा, हॉस्टल अटेंडेंट, ड्राइवर, कारपेंटर, इलेक्ट्रीशियन, पलंबर सहित तकनीकी कर्मी के रूप में विश्वविद्यालय में कार्यरत थे। इन मजदूरों को केंद्र सरकार का न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा था। इनसे बारह घंटे तक कार्य करवाया जाता था व इन्हें इसके बदले कभी भी डबल ओवरटाइम वेतन का भुगतान नहीं किया गया।
इनसे अपनी श्रेणी के अलावा बिना वेतन के कई तरह के अतिरिक्त कार्य करवाए जाते थे। इन्हें ईपीएफ, ईसाई, मेडिकल सुविधा, छुट्टियों की कोई भी सुविधा नहीं दी जाती थी। कर्मचारियों की कम संख्या के कारण इनसे ज्यादा कार्य करवाया जाता था। इन कर्मचारियों का भारी शोषण हो रहा था।
इन कर्मचारियों की नियुक्ति पूर्ण प्रक्रिया को अपनाते हुए साक्षात्कार के जरिए की गई थी। अब इन्हें बिना कारण बिना नोटिस के नौकरी से निकालना देश के कानून के विरुद्ध है। यह हायर एंड फायर है। जिसकी इजाजत देश का कानून नहीं देता है। उन्होंने मांग की है कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय से नौकरी से निकाले गए 43 कर्मचारियों को तुरंत बहाल किया जाए। कर्मचारियों को 90 दिन बाद ब्रेक देना बंद किया जाए।
दैनिक भोगी कर्मचारियों को तुरंत रेगुलर किया जाए। कर्मचारियों की गैर कानूनी छंटनी बंद की जाए। कर्मचारियों को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से निकालना बंद किया जाए। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में हायर एंड फायर की नीति बंद की जाए। विधि विश्वविद्यालय में श्रम कानून लागू किए जाएं।
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