सुन्नी बांध विद्युत परियोजना में कार्यरत दो कर्मियों ने सीटू पर मारपीट करने व दबाव बनाने का लगाया आरोप 

शिमला जिला के सुन्नी बांध विद्युत परियोजना में कार्यरत दो कर्मियों ने मजदूर यूनियन सीटू पर मारपीट करने और दबाव बनाने का आरोप लगाया है । इनका आरोप है कि यह मजदूर यूनियन परियोजना क्षेत्र में मजदूरों को जबरदस्ती धरना प्रदर्शन करने और अराजकता फैलाने का दबाव

Dec 20, 2023 - 19:26
Dec 20, 2023 - 21:23
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सुन्नी बांध विद्युत परियोजना में कार्यरत दो कर्मियों ने सीटू पर मारपीट करने व दबाव बनाने का लगाया आरोप 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    20-12-2023

शिमला जिला के सुन्नी बांध विद्युत परियोजना में कार्यरत दो कर्मियों ने मजदूर यूनियन सीटू पर मारपीट करने और दबाव बनाने का आरोप लगाया है । इनका आरोप है कि यह मजदूर यूनियन परियोजना क्षेत्र में मजदूरों को जबरदस्ती धरना प्रदर्शन करने और अराजकता फैलाने का दबाव बनाती है।

शिमला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में इन कर्मियों के साथ कांग्रेस के इंटक राज्य उपाध्यक्ष विहारी लाल ने सीटू पर प्रदेश में मजदूरों को बहकाने और गुंडागर्दी के साथ दबाव बनाने का आरोप लगाया है। सरकार से मांग  कि है कि प्रदेश में विभिन्न पावर प्रोजेक्ट और उद्योगों में अराजकता फैलाने वाले तत्वों से सख्ती से निपटा जाए।
 
सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना में कार्य करने वाले  कर्मचारियों ने मजदूर यूनियन सीटू के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मारपीट करने और दबाव बनाने का आरोप लगाया है इनका कहना है कि इन्होंने इस मामले में सुन्नी पुलिस थाने में एफआईआर भी दर्ज की है।

इन मजदूरों का कहना है कि परियोजना क्षेत्र में सीटू के कार्यकर्ता मजदूरों को बहका कर धरना प्रदर्शन करने और सीटू में शामिल होने का दबाव बना रहे हैं।  जिसे खारिज करने पर इनके साथ मारपीट की गई अपनी आपबीती बताते हुए इन कर्मियों ने बताया कि सीटू कार्यकर्ताओं द्वारा परियोजना क्षेत्र में अराजकता फैलाई जा रही है जिससे यहां काम कर रहे हैं मजदूर दहशत में आ गए हैं। 

शिमला में एक पत्रकार वार्ता में मजदूरों की आप बीती सुनने के बाद इंटक के प्रदेश उपाध्यक्ष बिहारी लाल ने बताया कि मजदूर यूनियन सीटू द्वारा प्रदेश के विभिन्न पावर प्रोजेक्टों और उद्योगों में कार्यरत मजदूरों के साथ बदसलूकी की जा रही है और मजदूरों पर दबाव बनाकर धरना प्रदर्शन में शामिल किया जा रहा है।  

इनका आरोप है कि किसी भी मजदूर यूनियन द्वारा मजदूरों को जबरदस्ती यूनियन में शामिल करने अथवा धरना प्रदर्शन करने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता । ऐसे में प्रदेश सरकार को उचित कार्यवाही करनी चाहिए। 

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