यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 18-12-2025
हिमाचल किसान सभा ने सुप्रीम कोर्ट की उस फैसले का स्वागत किया है जिसमें उच्च न्यायालय के फैसले को बदलते हुए सरकार को निर्देश दिए गए हैं कि वन भूमि पर लगे सब के बगीचों को ना काटा जाए। हिमाचल किसान सभा के पदाधिकारी ने नाहन में विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को डीसी के जरिए एक मांग पत्र भेजा।
मीडिया से बात करते हुए हिमाचल किसान सभा के प्रदेश महासचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि बागवानों के हितों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी जिस पर फैसला बागवानों के हित में आया है जो सुप्रीम कोर्ट का बेहद सराहनीय फैसला है। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदेश सरकार को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सीमांत और वंचित किसानों को भूमि उपलब्ध करवाने के लिए सरकार नीति बनाए और उसे केंद्र सरकार से अनुमोदित करवाया जाए। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से किसानों के संघर्ष पर मोहर लगी है , क्योंकि लगातार हिमाचल किसान सभा इस मामले को उठा रही थी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आप जल्द किसानों के लिए नीति बनाए। राजेंद्र ठाकुर ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश में साढ़े लाख से अधिक ऐसे परिवार है जिनके पास जमीन नहीं है जिनमें अधिकतर ऐसे परिवार ऐसे है जो 1980 से पहले यहां पर बसे हुए हैं और अब सरकार उनकी बेदखली कर रही है जो न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा किसान सभा मांग कर रही है कि इन सभी परिवारों को सरकार 5 बीघा भूमि उपलब्ध करवाएं।