यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 04-12-2025
सुन्नी डिग्री कॉलेज में वीरवार को प्रदेश सरकार की ओर से शुरू किए गए चिट्टा मुक्त हिमाचल अभियान के तहत विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी अगर स्वस्थ नहीं होगी तो समाज के लिए अच्छा नहीं है। नशे के कारण युवा पीढ़ी का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। हिमाचल में चिट्टे के मामलों में पीछे एक दशक में काफी तीव्रता दर्ज की गई है। जिला शिमला में इसके खिलाफ पुलिस ने 'मिशन भरोसा' भी लांच किया है जिसके तहत बड़े-बड़े अंतर्राज्यीय चिट्टे तस्करों को सलाखों के पीछे तक पहुंचाया गया है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को नशे से दूर रहकर शिक्षा और खेलों के प्रति अपनी ऊर्जा को लगनी चाहिए। नशे को अपने जीवन का हिस्सा न बनने दें। नशे के कारोबार में संलिप्त लोगों की सूचना प्रशासन के ध्यान में लाएं। अब तो प्रदेश सरकार ने चिट्टे के खिलाफ सूचना देने के लिए इनाम राशि की घोषणा भी की है। प्रदेश सरकार चिट्टा मुक्त हिमाचल के लिए दृढ़ संकल्प लिए हुए कार्य कर रही है। सरकार ने प्रदेश में नशे के विरुद्ध कानूनों को सख्त किया है। नशे के कारोबार से अर्जित संपत्ति को जब्त किया जा रहा है और कई अवैध संपत्तियों को तोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि चिट्टा मुक्त हिमाचल अभियान में हर वर्ग जुड़ रहा है। इस कड़ी में जिला प्रशासन के अधिकारी स्कूल और कॉलेजों में नशे के खिलाफ जागरूक करने में अहम भूमिका निभा रहे है। उपायुक्त ने कहा कि हर बच्चा और युवा अपने आसपास के पांच बच्चों को नशे के खिलाफ जागरूक करेगा।
चिट्टे से खुद भी दूर रहना है और अपने आसपास के बच्चों को भी दूर रखना है। किसी के लालच में आकर चिट्टे की डोज न लें। बच्चे अपने जीवन के शिल्पकार स्वयं है। इसलिए अपने जीवन को समाज और राष्ट्र हित के तौर पर निर्मित करें। पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा जीवन हमेशा ही चुनौतियों भरा रहा है। हर मां बाप के बच्चों के बड़े-बड़े सपने होते हैं। इन सपनों की पूर्ति के लिए मां बाप खूब मेहनत करते हैं लेकिन दुख तब होता है जब बच्चे गलत राह पर चल पड़े और अपना भविष्य अंधकारमय कर लें। बच्चों को अपने मां बाप को कतई दुख नहीं देना चाहिए। बच्चे मां बाप को किसी भी प्रकार की चिंता का कारण नहीं बनने चाहिए। नशे के कारण मां बाप अपने बच्चों को लेकर काफी परेशान है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में युवा पीढ़ी पूरी तरह से इस पर निर्भर रहते है।
सोशल मीडिया पर मौजूद हर सूचना सही नहीं होती है। सोशल मीडिया का मानसिक और शारीरिक प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नशे का सेवन कभी नहीं करना चाहिए। नशे के आदी व्यक्ति का कभी विकास नहीं होता है और समाज में भी उनकी प्रतिष्ठा में कोई इजाफा नहीं होता है। नशा दुर्गति का कारण है। नशे से दूर रहने के लिए युवाओं को संकल्पित रहना चाहिए। नशा मुक्त हिमाचल बनाने के लिए हमें अपनी भूमिका निभानी है। इस मौके पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा ने कहा कि नशे की ओवरडोज के कारण युवाओं की मौत के मामले आए दिन बढ़ रहे है। नशे की पूर्ति के लिए युवा अपराध व देह व्यापार में लिप्त हो रहे है। इस मौके पर एसडीएम सुन्नी राजेश वर्मा, कॉलेज प्रधानाचार्य धर्मेंद्र, कॉलेज स्टाफ और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।