चांद पर सफलता के बाद अब सूर्य पर कदम रखेगा भारत , इसरो जल्द लॉन्च करेगा मिशन आदित्य एल-1: पीएम मोदी 

चंद्रयान 3 ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने के साथ ही इतिहास रच दिया है। चंद्रयान 3 ने छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह को छुआ। दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया है। इससे पहले इस ध्रुव पर कोई देश नहीं पहुंच पाया है। चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया

Aug 23, 2023 - 19:40
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चांद पर सफलता के बाद अब सूर्य पर कदम रखेगा भारत , इसरो जल्द लॉन्च करेगा मिशन आदित्य एल-1: पीएम मोदी 

न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली  23-08-2023
चंद्रयान 3 ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने के साथ ही इतिहास रच दिया है। चंद्रयान 3 ने छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह को छुआ। दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया है। इससे पहले इस ध्रुव पर कोई देश नहीं पहुंच पाया है। चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया और उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। चंद्रयान - 3 की सफलता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नए मिशन का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि गगनयान के साथ जल्द ही इसरो मिशन सूर्य लॉन्च करने जा रहा है।चंद्रयान महाअभियान की यह उपलब्धि के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारत की उड़ान को चंद्रमा की कक्षाओं से आगे जाएगी। हम हमारे सौर मंडल की सीमाओं का सामर्थ्य परखेंगे और मानव के लिए ब्रह्मांड की अनेक संभावनाओं को साकार करने के लिए भी जरूर काम करेंगे। 
हमने भविष्य के लिए कई बड़े और महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही सूर्य विस्तृत अध्ययन के लिए इसरो (ISRO) आदित्य L1 मिशन लॉन्च करने जा रहा है। इसके बाद शुक्र भी इसरो के लक्ष्यों में से एक है। गगनयान के जरिए देश अपने पहले ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन के लिए भी पूरी तैयारी के साथ भारत बार-बार ये साबित कर रहा है ‘स्काऊ नॉर द लिमिट। इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि पीएम ने कहा जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं। तो जीवन धन्य हो जाता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती हैं। ये पल अविस्मरणीय ये क्षण अभूतपूर्व है। ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। ये क्षण नए भारत के जयघोष ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। ये क्षण जीत के चंद्र पथ पर चलने का है। ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। ये क्षण भारत में नई ऊर्जा, नया विश्वास,नई चेतना का है। ये क्षण भारत के उदयमान भाग्य के आह्वान का है। 
अमृत काल की प्रथम प्रभा में सफलता की ये अमृत वर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया। इंडिया इज नाउ ऑन द मून। आज हम अतंरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साथी बने। मोदी ने कहा कि साइंस और टेक्नोलॉजी देश के उज्जवल भविष्य का आधार है। इसलिए आज के इस दिन को देश हमेशा-हमेशा के लिए याद रखेगा। ये दिन हम सभी को उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। ये दिन हमें अपने संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाएगा। ये दिन इस बात का प्रतीक है कि हार से सबक लेकर जीत कैसे हासिल की जाती है। पीएम मोदी ने कहा कि 15वीं ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के लिए  मैं दक्षिण अफ्रीका में हूं। लेकिन हर देशवासी की तरह मेरा मन चंद्रयान महाभियान पर भी लगा हुआ है। नया इतिहास बनते ही हर भारतीय जश्न डूब गया है। हर घर में उत्सव शुरू हो गया। मैं भी अपने देशवासियों के साथ, अपने परिवारजनों के साथ इस उमंग और उल्लास से जुड़ा हुआ हूं। 
मैं टीम चंद्रयान को इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को बहुत बहुत बधाई देता हूं। जिन्होंने इस पल के लिए वर्षों तक इतना परिश्रम किया है। उत्साह, उमंग और आनंद और भावुकता से भरे इस पल के लिए 140 करोड़ देशवासियों को कोटि, कोटि बधाई देता हूं।प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से भारत चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है। जहां आज तक दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच सका। आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे। कथानक भी बदल जाएंगे और नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी। भारत में तो हम सभी लोग धरती को मां भी कहते हैं और चांद को मामा बुलाते हैं। कभी कहा जाता था चंदा मामा बहुत दूर के हैं। एक दिन वो भी आएगा। जब बच्चे कहा करेंगे। चंदा मामा बस एक टूर के हैं।

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