मौत के साए में जीने को विवश 11 लोगों का परिवार , उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के क्षेत्र का है मामला 

एक तरफ तो सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत कई आवास योजनाएं देने के दावे की जा रहे हैं दूसरी और जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के विकासखंड शिलाई की ग्राम पंचायत कोटा पाब में एक परिवार ऐसा है जो मौत के साए में जीवन जीने को विवश है।  मजेदार बात तो यह है कि यह मामला हिमाचल प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के क्षेत्र का

Jul 4, 2024 - 19:50
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मौत के साए में जीने को विवश 11 लोगों का परिवार , उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के क्षेत्र का है मामला 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई  04-07-2024
एक तरफ तो सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत कई आवास योजनाएं देने के दावे की जा रहे हैं दूसरी और जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के विकासखंड शिलाई की ग्राम पंचायत कोटा पाब में एक परिवार ऐसा है जो मौत के साए में जीवन जीने को विवश है।  मजेदार बात तो यह है कि यह मामला हिमाचल प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के क्षेत्र का है। आपको बता दें कि हर्षवर्धन चौहान पिछले तीन दशकों से भी अधिक तक क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे हैं और वह इस मर्तबा छठी बार विधायक बने हैं। 
जानकारी के मुताबिक शिलाई विकासखंड की कोटा पाब पंचायत के बुजुर्ग दयाराम का 11 लोगों का परिवार है , लेकिन वह पिछले कई वर्षों से इस जर्जर मकान में परिवार सहित रह रहे हैं जो हमेशा मौत के साए में जीने को विवश है। दयाराम ने बताया कि 11 लोगों का परिवार होने के चलते उसकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है , जिसके चलते वह मकान नहीं बन पा रहा है दयाराम ने बताया कि उन्होंने कई बार ग्राम पंचायत की माध्यम से आवास योजना के लिए प्रस्ताव भी डलवाए लेकिन उन्हें आज तक किसी भी योजना के तहत मकान नहीं मिला है। 
बताते हैं कि बुजुर्ग ने न केवल विकासखंड अधिकारी को बल्कि स्थानीय पंचायत और क्षेत्र का नेतृत्व करने वाले उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को भी आवेदन किया है , लेकिन आज तक उसे आवास नहीं मिल पाया है। गौर हो कि एक तरफ तो सरकार द्वारा गरीब और अति निर्धन परिवारों के लिए इंदिरा आवास योजना , राजीव गांधी आवास योजना तथा प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी कई स्कीमें लोगों के लिए चलाई है , लेकिन बावजूद इसके भी दयाराम के परिवार को आज तक आवास सुविधा उपलब्ध नहीं हुई है।  बताते हैं कि पत्थर के स्लेट का पुराने मकान की दीवारें कभी भी गिर सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि दयाराम का परिवार काफी गरीब है जिसके चलते वह मकान बनाने में विवश है। 
बताते हैं कि जब भी बारिश होती है तो वह घर से बाहर टेंट लगाकर रहने को विवश होते हैं , क्योंकि उन्हें डर है कि अधिक बारिश होने के चलते उनके घर की दीवारें कभी भी गिर सकती है। उधर इस बारे में जब खंड विकास अधिकारी शिलाई अजय सूद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोटा पाब पंचायत का एक मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने कहा कि दयाराम का यदि आवास के लिए आवेदन आया है तो उसे प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। खंड विकास अधिकारी ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा निर्धन परिवारों के लिए उचित आवास उपलब्ध करवाने के लिए कई योजनाएं चलाई है , ताकि उसे इन योजनाओं का लाभ मिल सके। 

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