वन्य प्राणी विभाग ने प्रवासी परिंदों के स्वागत की तैयारियां की शुरू

वन्य प्राणी विभाग ने प्रवासी परिंदों के स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी हैं। नवंबर माह से पौंग बांध समेत अन्य जगहों पर विभाग उपकरण स्थापित करेगा। साथ ही इन परिंदों की गिनती भी शुरू हो जाएगी

Oct 13, 2023 - 14:00
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वन्य प्राणी विभाग ने प्रवासी परिंदों के स्वागत की तैयारियां की शुरू

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     13-10-2023

वन्य प्राणी विभाग ने प्रवासी परिंदों के स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी हैं। नवंबर माह से पौंग बांध समेत अन्य जगहों पर विभाग उपकरण स्थापित करेगा। साथ ही इन परिंदों की गिनती भी शुरू हो जाएगी। इस बार वन्य प्राणी विभाग इंटरनेशनल वर्ड फेस्टिवल का भी आयोजन करेगा। हालांकि इसके लिए तारीख भविष्य में तय की जाएगी। 

फिलहाल, विभाग ने पौंग बांध में पहुंचने वाले प्रवासी परिंदों की गिनती को लेकर बैठकों का शेड्यूल तय कर दिया है। गौरतलब है कि गत साल करीब सौ प्रजातियों के डेढ़ लाख पक्षी पौंग बांध समेत हिमाचल के अन्य झीलों तक पहुंचे थे। प्रवासी परिंदों की आमद सर्दियों में शुरू होती है और सैकड़ों मील की यात्रा कर यह यहां पहुंचते हैं। 

करीब तीन महीने पौंग झील या आसपास के क्षेत्रों में गुजारने के बाद इनकी वतन वापसी हो जाती है। खास बात यह है कि बीते कुछ सालों से विदेशों से आने वाले इन पक्षियों की संख्या और प्रजाति में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले साल दस से ज्यादा नई प्रजातियां हिमाचल पहुंची हैं, जबकि करीब 30 हजार पक्षियों की बढ़ोतरी भी दर्ज की गई।

हिमाचल आने वाले पक्षियों में ज्यादातर तिब्बत, मध्य एशिया, रूस और साइबेरिया से यहां पहुंचते हैं। जिन प्रजातियों के पक्षी यहां अब तक पंजीकृत हुए हैं, उनमें पाइड एवोकेट, नार्दन लैपविंग, कॉमन क्रो, लेजर व्हाइट, फ्रंटेड गूज, रेड क्रस्टेड और फेरुगिनस पोचर्ड शामिल हैं। इनमें से कुछ प्रजातियां पिछले साल पहली बार प्रदेश में देखी गई थीं। 

इन पक्षियों को देखने के लिए पर्यटकों का हुजूम भी पहुंचता है। राज्य सरकार ने कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के तौर पर विकसित करने का फैसला किया है। इसी क्रम में अब आने वाले दिनों में ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देने की तैयारी है। अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल अनिल ठाकुर ने बताया कि नवंबर महीने से प्रवासी परिंदों का आगमन शुरू हो जाएगा। 

सर्दियों में यह पक्षी पौंग डैम समेत अन्य इलाकों में पहुंचते हैं। यहां तीन महीने तक रुकने के बाद अपने घर लौट जाते हैं। बीते कुछ सालों से प्रवासी परिंदों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। आने वाले दिनों में वन्य प्राणी विभाग इंटरनेशनल वर्ड फेस्टिवल भी आयोजित करेगा।

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