विशाल की आपबीती : टनल के अंदर ऑक्सीजन के सहारे गुजारे 36 घंटे और पानी पीकर मिटाई भूख

उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल से 17 दिन बाद सुरक्षित बाहर निकले मंडी की बल्ह घाटी के बंगोट गांव निवासी विशाल ने बताया शुरुआती 24 घंटे में टनल से बाहर निकलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी

Nov 29, 2023 - 19:57
Nov 29, 2023 - 20:45
 0  117
विशाल की आपबीती : टनल के अंदर ऑक्सीजन के सहारे गुजारे 36 घंटे और पानी पीकर मिटाई भूख

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी     29-11-2023

उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल से 17 दिन बाद सुरक्षित बाहर निकले मंडी की बल्ह घाटी के बंगोट गांव निवासी विशाल ने बताया शुरुआती 24 घंटे में टनल से बाहर निकलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। 36 घंटे टनल के अंदर मौजूद ऑक्सीजन के सहारे गुजारे और पानी पीकर भूख मिटाई। घुटन महसूस होने लगी तो टनल से पानी की निकासी के लिए बिछाई पाइपें खोलीं और ऑक्सीजन ली। छह इंच का पाइप जब अंदर पहुंचा तब जाकर उन्हें खाना नसीब हुआ। 

विशाल ने बताया कि वह स्वस्थ हैं। एम्स ऋषिकेश में बॉडी टेस्ट हो रहे हैं। यदि टेस्ट रिपोर्ट ठीक रही तो जल्द अपनी माटी बल्ह घाटी पहुंचकर परिजनों से मिलूंगा। परिजनों ने उन्हें कहा है कि अब टनल में काम नहीं करना है, ऐसे में उम्मीद है कि प्रदेश सरकार उन्हें रोजगार जरूर उपलब्ध करवाएगी। टनल में बंद होने के बाद सभी साथी परिवार की तरह एकजुट हो गए और एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते गए। 

टनल के अंदर दो किमी का क्षेत्र था, जहां पर टहलते थे और समय व्यतीत करते थे। समय बिताने के लिए कभी कागज के पत्ते बनाए तो कभी मिट्ठी के खिलौने बनाकर समय बिताया। सोने के लिए टनल में इस्तेमाल होने वाली शीट का इस्तेमाल किया। नीचे इसे बिछाया और इसी को ओढ़ा भी।

विशाल ने बताया कि  टनल में काटे 17 दिन वह ताउम्र नहीं भूल पाएगा। टनल के अंदर गुजारा समय भी जिंदगी का एक बड़ा अनुभव है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow